इंडिया न्यूज यूपी/यूके, लखनऊ: सांसद रीता बहुगुणा जोशी की मुसीबतें बढ़ती हुई नजर आ रही हैं। समय सीमा खत्म होने के बाद चुनाव प्रचार करने के मामले में आरोपी सांसद रीता बहुगुणा जोशी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है। एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष एसीजेएम अंबरीश कुमार श्रीवास्तव ने मामले में सुनवाई के दो नवंबर की तारीख तय की है।
जिरह न होने पर गवाही को किया गया समाप्त
कोर्ट ने मौजूद गवाह से आरोपी की ओर से जिरह न किए जाने के बाद गवाह की गवाही भी समाप्त कर दी है। इसके पहले कोर्ट में सुनवाई के समय मामले में गवाह सिपाही दिनेश कुमार यादव हाजिर हुए। जबकि आरोपी रीता बहुगुणा जोशी की ओर से उनकी हाजिरी माफ करने की मांग वाली अर्जी दी गई।
जोशी की तरफ से जिरह करने के लिए कोई हाजिर नहीं हुआ
कोर्ट में गवाही करने के लिए लगातार पुकार होती रही लेकिन जोशी की ओर से कोई भी गवाह से जिरह करने के लिए हाजिर नहीं हुआ। इस पर कोर्ट ने आरोपी सांसद की ओर से हाजिरी माफ करने की मांग वाली अर्जी को खारिज करते हुए गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया। साथ ही कोर्ट ने गवाह सिपाही दिनेश यादव की गवाही को भी समाप्त कर दी।
साल 2012 में चुनाव प्रचार के दौरान हुआ था मामला
पत्रावली के अनुसार रीता बहुगुणा जोशी वर्ष 2012 में कांग्रेस की ओर से प्रत्याशी थी। थाना कृष्णा नगर में स्टैटिक मजिस्ट्रेट मुकेश चतुर्वेदी ने 17 फरवरी 2012 को दर्ज कराई रिपोर्ट में कहा कि उन्हें सूचना मिली थी कि बजरंग नगर मोहल्ला में रीता बहुगुणा जोशी प्रचार का समय समाप्त होने के बावजूद जनसभा कर रही हैं। मुकदमा दर्ज होने के बाद दरोगा राम सहाय द्विवेदी ने मामले की विवेचना की और रीता बहुगुणा जोशी के खिलाफ 11 मार्च 2012 को चार्जशीट दायर की थी।