India News (इंडिया न्यूज़), Martand Singh, Lucknow News: ज्ञानवापी विवाद के बीच सीएम योगी आदित्यानथ का बड़ा बयान सामने आया है। सीएम योगी ने कहा कि ज्ञानवापी को अगर मस्जिद कहेंगे तो विवाद उठेगा ही। ज्ञानवापी अगर मस्जिद है तो फिर उसके अंदर त्रिशूल क्या कर रहा है। सीएम योगी ने कहा कि लोगों के पास आंखे हैं तो देखें वहां त्रिशूल और नंदी की प्रतिमा ये संकेत दे रहे हैं कि ज्ञानवापी मंदिर है।
सीएम योगी ने आगे कहा कि ये प्रस्ताव मुस्लिम पक्ष की ओर से आना चाहिए और कहना चाहिए कि ज्ञानवापी पर ऐतिहासिक गलती हुई है। मुस्लिम पक्ष पुर्वजों की गलती को मानते हुए इसे मंदिर घोषित कर देना चाहिए। क्योंकि ज्ञानवापी की दीवारें चिल्ला-चिल्ली कर कह रही हैं कि भगवान ने जिन्हें आंखे दी हैं वो देखें, यह मंदिर है, मस्जिद नहीं।
एक न्यूज एजेंसी से बातचीत करते हुए सीएम योगी ने कहा,”अगर हम उसको मस्जिद कहेंगे तो विवाद होगा। भगवान ने जिसको दृष्टि दी है। वो देखे न। त्रिशूल मस्जिद के अंदर क्या कर रहा है। हमने तो नहीं रखे हैं न। ज्योर्तिलिंग हैं… देव प्रतिमाएं हैं। पूरी दीवारें चिल्ला-चिल्लाकर क्या कह रही हैं।” उन्होंने कहा,”मुझे लगता है कि ये प्रस्ताव मुस्लिम समाज की तरफ से आना चाहिए कि साहब… ऐतिहासिक गलती हुई है। उस गलती के लिए हम चाहते हैं कि समाधान हो।”
सीएम योगी के इस बयान के सामने आने के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल बढ़ गई। समाजवादी पार्टी की तरफ से सीएम के इस बयान पर पलटवार किया गया। सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि जब तक कोर्ट का फैसला नहीं आ जाता जब तक वह ज्ञानवापी मस्जिद है इससे कोई इनकार नहीं कर सकता। पांच वक्त की अभी भी उसमें नमाज पढ़ी जाती है। मुख्यमंत्री उच्च न्यायालय से बड़े नहीं है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को न्यापालिका के सम्मान मैं इस तरह की बात नहीं करनी चाहिए। अगर ज्ञानवापी मंदिर होता तो न्यायालय में यह प्रकरण जाता ही नहीं।
सीएम योगी के बयान के बाद धर्म गुरुओं ने भी अपनी अपनी प्रतिक्रिया दी। मौलाना सुफियान निजामी ने कहा जी जब मामला न्यायालय में विचाराधीन है ऐसे में किसी के भी कहने से सच्चाई नही मानी जायेगी जब कानून ने दोनों पक्षों को रास्ता दे रखा है कि वो अपनी बात रखे ऐसे में सिर्फ किसी के कह देने से सच्चाई सामने नही आ जायेगी, और जब मामला विचाराधीन है तो किसी भी ऐसे व्यक्ति को जो उनके ओहदे पर बैठा हो उसको किसी एक पक्ष में बयान नही देना चाहिए।वहीं अयोध्या के हनुमान गढ़ी के महंत राजू दस ने इस बयान के बाद सीएम को साधुवाद दिया है और कहा है कि मुस्लिम पक्ष को खुद आगे आना चाहिए और वहां तत्काल नमाज बंद होनी चाहिए।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ज्ञानवापी पर यह बयान तब दिया जब उनसे उत्तर प्रदेश में दंगा और विवादों को लेकर सवाल किए गए। इस दौरान सीएम योगी ने कहा कि 2017 से उत्तर प्रदेश में एक दंगा नहीं हुआ है। यहां किसी भी चुनाव में हिंसा नहीं हुई। प्रदेश में सभी निकाय चुनाव हमने बड़ी शांति से संपन्न कराए हैं।
वहीं, जब सीएम योगी से विपक्षी दलों के महागठबंधन I.N.D.I.A पर पूछा गया तो उन्होंने बड़े चुटकुले अंदाज में जवाब दिया। सीएम योगी ने कहा,”इसे इंडिया नहीं बोलना चाहिए। यह जो डॉट कॉम ग्रुप है, चोला बदलने से उनके पिछले कर्मों से मुक्ति नहीं मिल जाएगी।” सीएम योगी ने विपक्षियों पर निशाना साधते हुए कहा कि पहली बात तो इसे इंडिया नहीं कहना चाहिए। चोला बदल लेने से व्यक्ति के कर्म नहीं बदलते हैं।
गौरतलब है कि ज्ञानवापी मस्जिद में हिंदू पक्ष ने मंदिर होने का दावा किया है। इसी को लेकर यह विवाद चल रहा है। मस्जिद के अंदर हिंदू देवी-देवताओं के अवशेष मिले हैं। त्रिशूल, प्रतिमा और शिवलिंग होने का भी दावा किया गया है। बीते दिनों ज्ञानवापी में पुरातत्व विभाग को सर्वे करने की इजाजत दे दी गई थी। लेकिन फिर मुस्लिम पक्ष की अपील के बाद सर्वे पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी थी। अब शुक्रवार को फिर से ज्ञानवापी में सर्वे करने की इजाजत सुप्रीम कोर्ट ने दे दी है। 4 अगस्त को सर्वे की रिपोर्ट सौंपने के आदेश जारी किए गए हैं।
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