इंडिया न्यूज यूपी/यूके, मऊ: मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी का शुक्रवार को कोर्ट पहुंच के सबको हैरान कर दिया है। दरअसल लंबे समय से फरार चल रहे अब्बास अंसारी ने कोर्ट में पहुंचकर आत्मसमर्पण कर दिया। इस दौरान उनके साथ मंसूर और उमर अंसारी भी आत्मसमर्पण के लिए पहुंचे।
पुलिस को नहीं लगी आत्मसमर्पण की भनक
अब्बास अंसारी के साथ ही मंसूर और उमर अंसारी ने भी उनके साथ मऊ जिला कोर्ट में आत्मसमर्पण किया तो उनके समर्थक भी इस दौरान परिसर में मौजूद रहे। अपने अधिवक्ता के साथ अदालत में गुपचुप तरीके से वह पहुंचे और अदालत में आत्मसमर्पण की अर्जी उनके अधिवक्ता ने अदालत में पेश की। इसके बाद अदालत में उनके आत्मसमर्पण की प्रकिया शुरू कर दी है।
इस दौरान वह अपने अधिवक्ता से बातचीत करते और विधिक प्रक्रिया में व्यस्त नजर आए। अब्बास को मऊ जिले की पुलिस के अलावा कई अन्य मामलों में लखनऊ पुलिस को भी तलाश थी। इसके लिए पंजाब के अलावा दिल्ली और गाजीपुर सहित आजमगढ़ जिले में भी कई बार पुलिस टीमें पड़ताल कर चुकी हैं।
न्यायिक हिरासत में लेने के बाद मिली जमानत
यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान बतौर सुभासपा प्रत्याशी मऊ सदर सीट पर प्रचार के दौरान हेट स्पीच देने के मामले में सदर विधायक अब्बास अंसारी सहित तीन वांछित आरोपितों ने एमपी एमएलए मजिस्ट्रेट श्वेता चौधरी की अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया। उक्त आरोपियों की तरफ से आत्म समर्पण व जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए एम पी एम एल ए मजिस्ट्रेट ने उन्हें न्यायिक हिरासत में ले लिया और उन्हें जमानत देते हुए मुचलके पर रिहा करने का आदेश दिया। इस मामले में चार्जशीट अदालत में दाखिल हो चुकी है।
हाजिर न होने पर कोर्ट ने गैरजमानती वारंट किया था जारी
आरोपितों के तारीख पर अनुपस्थित रहने के कारण गैरजमानती वारंट जारी किया गया था। मामले के अनुसार उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के दौरान एक जनसभा में बतौर प्रत्याशी अब्बास अंसारी ने जिले के आला अधिकारियों को चेतावनी दी थी कि उनकी सरकार आ रही है और वे सभी का हिसाब किताब करने के बाद अन्य जगह स्थानांतरण करवायेंगे। इस मामले में मुकदमा दर्ज होने के बाद फरार होने के बाद से ही पुलिस उनकी तलाश में जुटी हुई थी। अब्बास अंसारी के अधिवक्ता दारोगा सिंह, गाजीपुर से लियाकत अली व इफ्तेखार अहमद ने उनके आवेदन पर अदालत में बहस की।
अब्बास ने दिया था यह विवादित बयान
अब्बास अंसारी ने अखिलेश यादव का नाम लेकर कहा था कि भैया से बात हो गई है। सपा की सरकार बनने पर यहां के अधिकारियों का छह महीने तक ट्रांसफर नहीं होगा। पहले सभी का हिसाब-किताब होगा। इस मामले में अब्बास सहित तीन लोगों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज हुआ था। सदर विधानसभा सीट से विधायक निर्वाचित होने के बाद पुलिस को इनकी तलाश थी।
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