India News (इंडिया न्यूज़), Martand Singh, Mayawati: लखनऊ! वर्तमान समय में इंडिया और भारत को लेकर महाभारत छिड़ी हुई है। इस बीच बीएसपी सुप्रीमो की भी प्रतिक्रिया इस पूरे मामले पर सामने आई है। मायावती ने देश का नाम सिर्फ भारत रखे जाने को लेकर छिड़े विवाद को बुधवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और विपक्ष की संविधान के साथ छेड़छाड़ करने की ‘सोची-समझी रणनीति और षड्यंत्र’ करार दिया। साथ ही उन्होंने उच्चतम न्यायालय से इसका स्वत: संज्ञान लेकर देश के नाम पर बने सभी संगठनों, पार्टियों और गठबंधनों पर तुरंत रोक लगाए जाने की भी मांग की।
#WATCH | Lucknow, Uttar Pradesh: On the 'Bharat', BSP Chief Mayawati says, "…The fact is, that under a well-fabricated conspiracy, the opposition has given the opportunity to BJP-NDA to make changes in the Constitution by keeping the name of their alliance as INDIA…This is a… pic.twitter.com/rIXgxj9TEa
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) September 6, 2023
बसपा चीफ ने कहा कि इस मुद्दे पर जो संकीर्ण राजनीति की जा रही है वह गलत है। हमारी मांग है कि सुप्रीम कोर्ट खुद इस मामले का संज्ञान ले। उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय को स्वतः संज्ञान लेकर ऐसे नाम रखने वाले संगठनों को प्रतिबंधित कर दिया जाना चाहिए जो देश के नाम पर बने है। अन्यथा इससे देश की गरिमा को भी काफी ठेस पहुंचेगी। विपक्ष और सत्ता पक्ष द्वारा देश के नाम पर की जा रही संकीर्ण राजनीति करने से किसी को भी संविधान के साथ छेड़छाड़ करने का मौका मिल जाएगा।
बसपा चीफ ने कहा कि केंद्र सरकार को इस मामले यानी कि विपक्षी गठबंधन के इंडिया नाम पर कानून बदलकर संबंधित नाम रखे जाने पर प्रतिबंध लगा देना चाहिए था। पूर्व राज्यसभा सांसद ने कहा कि मेरी अपील है कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले का स्वतः संज्ञान ले।
मायावती इस पूरे प्रकरण पर सत्ता पक्ष और विपक्षी दलों के नए बने गठबंधन पर खूब हमलावर रहीं। मायावती ने कहा कि भारत अर्थात इंडिया का चिर परिचित और गरिमामय संवैधानिक नाम है। बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर के पवित्र मानवतावादी और जनकल्याणकारी संविधान से अपने देश की सभी जातियों एव धर्मों को मानने वाले लोगों का अपार प्रेम, बेहद लगाव और सम्मान है। इसे बदलकर या इसके साथ छेड़छाड़ करके उनकी भावना के साथ कोई भी खिलवाड़ करना घोर अनुचित है।उन्होंने कहा इस बारे में सच्चाई तो यह है कि देश के नाम को लेकर अपने संविधान के साथ छेड़छाड़ करने का मौका खुद विपक्ष ने भाजपा को दिया है वह भी एक सोची-समझी रणनीति और षड्यंत्र के तहत अपने गठबंधन का नाम इंडिया रखकर। या फिर यह कहा जाए कि यह सब कुछ सत्ता पक्ष और विपक्ष की अंदरूनी मिली भगत से हो रहा है।
दरअसल, आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को मात देने के लिए पिछले दिनों एकजुट हुए विपक्षी दलों ने अपने गठबंधन का नाम ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इनक्लूसिव अलांयस’ यानी ‘इंडिया’ रखा था। मायावती ने उच्चतम न्यायालय से अपील की कि वह ‘भारत’ और ‘इंडिया’ को लेकर की जा रही ‘संकीर्ण राजनीति’ का स्वत: संज्ञान ले और देश के नाम पर बने सभी संगठनों, पार्टियों और गठबंधनों पर तुरंत रोक लगाये। मायावती ने हाल ही में स्पष्ट किया है कि उनकी पार्टी आगामी लोकसभा अपने बलबूते लड़ेगी और वह ना तो राजग और ना ही ‘इंडिया’ का हिस्सा होगी।
मायावती ने आगे कहा कि इस चर्चा के चलते खास और जरूरी मुद्दों को दरकिनार कर दिया गया है। इसलिए हमारी पार्टी का इन दोनों गठबंधनों एनडीए और इंडिया से हमारी दूरी जनहित के लिए है। मायावती ने कहा कि अगर बीजेपी को विपक्षी गठबंधन के नाम से आपत्ति थी तो इन्हें सुप्रीम कोर्ट जाना चाहिए था।