मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में उत्तर प्रदेश से 10 मंत्रियों को शामिल किया गया है। इन दस मंत्रियों में एक नाम कमलेश पासवान हैं, जिनहें मोदी सरकार में ग्रामीण विकास मंत्रालय में राज्य मंत्री बनाया गया है। वे यूपी के बांसगांव लोकसभा क्षेत्र चौथी बार चुनाव जीते हैं।
47 वर्षीय राजनेता कमलेश पासवान बांसगांव (एससी) निर्वाचन क्षेत्र से चौथी बार लोकसभा के लिए चुने गए हैं। लोकसभा चुनाव 2024 में उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार सदल प्रसाद पर 3,000 से ज़्यादा वोटों के मामूली अंतर से जीत हासिल की। बांसगांव (एससी) निर्वाचन क्षेत्र में गोरखपुर जिले के बांसगांव (एससी), चौरी चौरा और चिल्लूपार के साथ-साथ पड़ोसी देवरिया जिले के रुद्रपुर और बरहज विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं।
पासवान के परिवार की राजनीतिक पृष्ठभूमि मज़बूत रही है। उनकी मां सुभावती देवी 11वीं लोकसभा के दौरान बांसगांव (एससी) से लोकसभा सांसद थीं। दुखद बात यह है कि उनके पिता ओम प्रकाश पासवान की 1996 में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में भाषण देते समय हत्या कर दी गई थी। अपने पिता की मृत्यु के समय कमलेश पासवान गोरखपुर के एक कॉलेज से स्नातक की पढ़ाई कर रहे थे और अपनी कम उम्र के कारण चुनाव लड़ने के योग्य नहीं थे।
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ओम प्रकाश पासवान का राजनीतिक करियर सफल रहा, वे 1989 (हिंदू महासभा), 1991 (भाजपा) और 1993 (भाजपा) में मनीराम विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए। उनकी हत्या के बाद कमलेश पासवान के चाचा चंद्रेश पासवान समाजवादी पार्टी (सपा) के टिकट पर मनीराम सीट से विधायक चुने गए।
कमलेश पासवान खुद 2002 से 2007 तक उत्तर प्रदेश विधानसभा के सदस्य रहे और सपा विधायक के तौर पर मनीराम विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया। पेशे से व्यवसायी पासवान ने डीडीयू गोरखपुर विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में एमए की डिग्री हासिल की है। लोकसभा की वेबसाइट के मुताबिक, उन्हें खेलों में खास रुचि है।