अजय त्रिवेदी, लखनऊ:
MSME Role in Up Election 2022: उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनावों में योगी सरकार छोटे व मझोले उद्यमों को की गयी आर्थिक मदद को भुनाने की तैयारी में है। प्रदेश की भाजपा सरकार का दावा है कि बीते साढ़े चार सालों में एमएसएमई क्षेत्र को बड़े पैमाने पर कर्ज दिए गए हैं और बड़ी तादाद में नए उद्योग खुले हैं।
बीते साढ़े चार वर्षों में योगी सरकार में एमएसएमई सेक्टर में कारोबार करने के लिए 76.73 लाख लोगों को 242028 करोड़ रुपए का ऋण दिया गया है। सरकार का दावा है कि एमएसएमई क्षेत्र को मिली इस संजीवनी के चलते प्रदेश में दो करोड़ नए लोगों को रोजगार मिला है। गौरतलब है कि देश की 14 फीसदी से ज्यादा छोटी व मझोली ईकाइयां उत्तर प्रदेश में ही है।
सरकार का दावा है कि बीते चार सालों से हर जिले में नई एमएसएमई इकाइयों की स्थापना हो रही है। अकेले कोरोना के वैश्विक संकट के दौरान ही इस क्षेत्र में करीब डेढ़ लाख से अधिक नई इकाइयां लगाई गई हैं। सत्तारुढ़ भारतीय जनता पार्टी से जुड़े कारोबारी जगत के लोगों का कहना है कि हाल के दिनों में एमएसएमई के कारोबारियों का एक नया कोर वोट बैंक तैयार हो गया है जो आगामी चुनावों में अहम भूमिका निभाएगा।
इन नेताओं का कहना है कि योगी आदित्यनाथ ने वर्ष 2017 को जब सत्ता संभाली थी, तब प्रदेश में कारोबारी गतिवधियां सुस्त थी और एमएसएमई क्षेत्र की भी स्थिति बेहतर नहीं थी। आर्थिक गतिविधियों को तेज करने के उद्देश्य से निवेशक सम्मेलन का आयोजन किया गया और एमएसएमई क्षेत्र में अपनी इकाई स्थापित करने के लिए उद्यमियों को ऋण मुहैया कराने पर जोर दिया। निवेशक सम्मेलन में 1045 निवेशकों ने 4.28 लाख करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव सरकार को सौंपे। इनमें से तीन लाख करोड़ रुपए के अधिक का निवेश नोएडा सहित कई अन्य जिलों में हो रहा है।
इसी प्रकार एमएसएमई क्षेत्र में बड़ी संख्या में लोगों ने अपनी इकाई लगाने में रूचि दिखाई। योगी सरकार ने ही प्रदेश में एमएसएमई पार्क की स्थापना करने को मंजूरी दी। जिसके तहत यमुना एक्सप्रेस वे विकास प्राधिकरण (यीडा) के सेक्टर 29 और 32 में सूबे का पहला एमएसएमई पार्क स्थापित किया जा रहा है। इसके अलावा जल्दी ही आगरा, कानपुर, मुरादाबाद, वाराणसी, आजमगढ़ और गोरखपुर में भी ऐसे ही पार्क बनाए जा रहें हैं। इन छह जिलों में बड़ी संख्या में एमएसएमई इकाइयां है।
उनका कहना है कि जहां वित्त वर्ष 2016-17 में सपा सरकार के दौरान 635583 एमएसएमई को 27202 करोड़ रुपए का ऋण मुहैया कराया गया था जबकि 2017 में सत्ता परिवर्तन होते ही योगी सरकार ने पहले ही साल 2017-18 में 787572 एमएसएमई को 41193 करोड़ रुपए का ऋण उपलब्ध कराया गया। इस साल अप्रैल से 10 नवंबर तक 125408 नई एमएसएमई इकाइयों को 16002 करोड़ रुपए का ऋण मुहैया कराया गया है।
सरकार के इन आंकड़ों के मुताबिक राज्य में 89.99 लाख एमएसएमई सेक्टर में पंजीकृत हैं। एक एमएसएमई इकाई में तीन से पांच कार्य करते हैं। करीब चार करोड़ से अधिक लोग एमएसएमई सेक्टर में कार्यरत हैं। वर्ष 2016 से अब तक राज्य में 2,42,028 करोड़ रुपए का ऋण एमएसएमई सेक्टर में 76,73,488 लोगों को मुहैया कराया है। एमएसएमई सेक्टर के इन आंकड़ों का संज्ञान लेते हुए ही औद्योगिक संगठनों का दावा है कि आगामी चुनावों में बड़े और छोटे उद्यमी अहम भूमिका भूमिका निभाएंगे।
आईआईए से जुड़े और आइसक्रीम के कारोबारी चेतन भल्ला कहते हैं, बीते साढ़े चार वर्षों में सरकार के स्तर से कारोबारी समाज का खासा ध्यान रखा गया है, उन्हें उद्यम स्थापित करने के लिए जमीन से लेकर ऋण तक सुगमता से उपलब्ध कराने में सरकार ने ध्यान दिया है।
जिसके चलते राज्य में रिकार्ड निवेश आया और बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिला। उद्योगों को मंदी का शिकार नहीं होना पड़ा। कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि यूपी के एमएसएमई सेक्टर में सरकार के प्रयासों से मजबूती आयी है। यह स्थिति बनी रहे, इसके लिए आगामी चुनावों में एमएसएमई सेक्टर की अहम भूमिका निभाएगा।
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