इंडिया न्यूज यूपी/यूके, मुजफ्फरनगर: कवाल कांड मामले में कोर्ट ने बीजेपी विधायक विक्रम सैनी को दोषी करार दिया है। विधायक सहित 12 आरोपियों को इस मामले में दो-दो साल की सजा सुनाई गई है। एमपी-एमएलए कोर्ट ने बीजेपी विधायक को सजा सुनाई। हालांकि, उन्हें तुरंत ही जमानत भी मिल गई। बता दें कि तीन साल से कम की सजा होने पर कोर्ट से जमानत मिलने का प्रावधान है। इसके तहत बीजेपी विधायक विक्रम सैनी को राहत मिली है। वहीं मामले पर यूपी कांग्रेस की तरफ ट्वीट कर बीजेपी पर निशाना साधा है।
कांग्रेस ने ट्वीट कर साधा निशाना
यूपी कांग्रेस की तरफ से ट्वीट कर कहा गया कि भाजपा विधायक विक्रम सिंह सैनी को 2013 मुज़फ्फरनगर दंगे के मामले में कोर्ट ने सजा सुनाई है। अब इन दंगाई भाजपाइयों का सच सामने आने लगा है कि कैसे इन्होंने देश में नफरत के बीज बोये हैं? भारत माता की संतानों को परस्पर लड़ाने के गुनाह की सज़ा अब भारतवासी इन्हें देकर रहेंगे।
यह था पूरा मामला
बता दें कि साल 2013 में मुजफ्फरनगर में दंगा भड़क गया था जिसे कवाल कांड के नाम से भी जाना जाता है। इस दंगे में 60 से ज्यादा लोग मारे गए थे। 27 अगस्त, 2013 को गौरव और सचिन नाम के शख्स की हत्या कर दी गई थी जिसके बाद दंगा भड़क उठा था। वहीं इस मामाले में अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश हिमांशु भटनागर ने उस वक्त दंगे के जुर्म में मुजम्मिल मुज्जसिम, फुरकान, नदीम, जांगीर, अफजल और इकबाल को दो इकबाल को दोषी करार दिया था।
मृतक गौरव के पिता ने कोर्ट पर जताया भरोसा
मृतक गौरव के पिता रविंद्र कुमार ने 7 लोगों को दोषी ठहराए जाने के बाद कहा था कि हमें कोर्ट पर भरोसा था और यह भी पता था कि इसमें कई साल लग जाएंगे। अब देखते हैं कि आगे क्या होता है। केवल हम जानते हैं कि हमने उसे हमेशा के लिए खो दिया। वहीं, गौरव की मां ने आरोपियों के लिए मौत की सजा की मांग की थी।
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक 2013 के दंगे के बाद 6,000 से ज्यादा मामले दर्ज किए गए और दंगे में कथित भूमिका के लिए 1,480 संदिग्ध आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था. मामले की छानबीन करने वाली विशेष जांच टीम ने 175 मामलों में आरोपपत्र दाखिल किया था।