Old Pension Scheme: (Retaliation… CMs of two states face to face, told Khattar wrong) पलटवार… दो राज्य के CM आमने-सामने! राजस्थान के CM ने हरियाणा के CM को ओपन लेटर लिखा। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की तरफ से पुरानी पेंशन स्कीम पर कहा गया था कि राजस्थान सरकार इस योजना को राज्य में लागू नहीं कर रही है। इस पर राज्य सरकार काे कानून बनाने का अधिकार है। सरकारी कर्मचारियों के लिए राजस्थान ने पुरानी पेंशन स्कीम की घोषणा को वापस ले लिया है। राजस्थान के CM ने हरियाणा के CM को ओपन लेटर लिखा।
पुरानी पेंशन स्कीम (OPS) को लेकर राजस्थान के CM अशोक गहलोत ने हरियाणा के CM मनोहर लाल खट्टर को ओपन लेटर लिख पलटवार किया है। इस पत्र में CM गहलोत ने लिखा कि हरियाणा CM का बयान तथ्यात्मक नहीं है। उन्होंने OPS को हरियाणा में भी लागू करने की सलाह दी हैं। साथ ही केंद्र को सिफारिश भेजने को भी कहा है। बता दें कि बुधवार को कैबिनेट मीटिंग के बाद हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की तरफ से पुरानी पेंशन स्कीम पर कहा गया था कि राजस्थान सरकार इस योजना को राज्य में लागू नहीं कर रही है।
राजस्थान के CM ने चिट्ठी में लिखा है कि, प्रिय मनोहर लाल खट्टर जी, मीडिया के माध्यम से पता चला कि आपने सरकारी कर्मचारियों के लिए ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) पर बयान देते हुए कहा कि राजस्थान ने पुरानी पेंशन स्कीम की घोषणा को वापस ले लिया है। मैं आपको बताना चाहता हूं कि आपको किसी ने ये गलत जानकारी दी है।
आगे राजस्थान के मुख्यमंत्री ने लिखा है कि राज्य में 1 अप्रैल 2022 से ओल्ड पेंशन स्कीम लागू कर दी गई है। 2004 के बाद सेवा में आकर रिटायर हुए 621 कर्मचारियों को OPS का लाभ दिया जा चुका है। साथ ही उन्होंने लिखा है कि आगे भी सभी कर्मचारियों को ओल्ड पेंशन स्कीम का लाभ दिया जाएगा।
हरियाणा के मुख्यमंत्री को गहलोत ने लिखा है कि ‘मैं यह आपकी जानकारी के लिए बताना चाहूंगा कि इसी प्रकार का असत्य हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भी बोला था। इसके बाद हिमाचल प्रदेश में चुनाव के दौरान शिमला पहुंचकर लोगों को सच से अवगत कराया’।
साथ ही अशोक गहलोत ने लिखा है कि संविधान की सातवीं अनुसूची में राज्य सूची का बिंदु संख्या 42 स्पष्ट कहता है कि स्टेट पेंशन जो राज्य की समेकित निधि (कंसोलिडेटेड फंड) से दी जाएंगी। इस पर राज्य सरकार काे कानून बनाने का अधिकार है। ऐसे में आपका ये कहना उचित नहीं है कि पुरानी पेंशन स्कीम केंद्र सरकार द्वारा दी जा सकती है।