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One joined the Congress with the BJP : यूपी चुनाव में ननद-भौजाई आमने-सामने

• LAST UPDATED : March 1, 2022

One joined the Congress with the BJP


अजय द्विवेदी , सोनभद्र 
One joined the Congress with the BJP  यह पहली दफा नहीं जब सगे संबंधी चुनाव समर एक साथ कूदे हो। कभी पिता-पुत्र, भाभी-देवर तो इस बार सोनभद्र की घोरावल सीट से ननद-भौजाई चुनाव मैदान में आमने-सामने है। पहले चर्चा यह थी कि टिकट राजघराने की बेटी दीक्षा को मिलने के कयास लगाए जा रहे थे जबकि कांग्रेस (Congress ) ने अपनी प्रत्याशियों की सूची जारी की तो दीक्षा का नाम काट दिया। उनकी जगह उनकी भाभी विदेश्वरी पर दांव लगाया। वहीं, दीक्षा ने उसकी अपनी प्रतिष्ठा से जोड़ते हुए लखनऊ (Lucknow) जाकर भाजपा (BJP) की सदस्यता ग्रहण कर ली। उन्हें भाजपा ने निराश न करते हुए घोरावल सीट से टिकट दे दी। हालांकि दोनो प्रत्याशी एक-दूसरे पर कोई कटाक्ष नहीं कर रहे हैं बल्कि अपना चुनाव प्रचार-प्रसार कर रहे हैं।

पति की मौत के बाद मायके में रही रहीं

बड़हर राजघराने के कुंवर अभ्युदय बह्मशाह के निधन के बाद से उनकी पत्नी विदेश्वरी सिंह राजस्थान स्थित अपने मायके में रहती थीं। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने विदेश्वरी को घोरावल से प्रत्याशी बना दिया। चर्चा है कि स्व. कुंवर अभ्युदय ब्रह्म की बहन राजकुमारी दीक्षा इसी सीट से अपनी दावेदारी कर रही थीं। टिकट न मिलने से नारज उन्होंने भाजपा को अपना लिया। विचारों का युद्ध राजघराने के भीतर चल रहा है।

1957 में पहली बार चुने गए थे विधायक आनंद

अगोरी किले का स्वामित्व रखने वाले बड़हर राज परिवार के राजा रहे आनंद ब्रह्म शाह राबर्ट्सगंज से वर्ष 1957 में भारतीय जनसंघ से विधायक चुने गए थे। आदिवासी बहुल जिले के मतदाताओं का मिजाज शुरू से ही लहरों के विपरीत चलने का रहा है। वर्ष 1957 में पूरे देश-प्रदेश में जब कांग्रेस की लहर थी, तब भी राबर्ट्सगंज सीट बनी थी। उस समय भारतीय जनसंघ के प्रत्याशी आनंद ब्रह्म शाह ने 36,952 वोट पाकर जीत दर्ज की थी।

कांग्रेस प्रत्याशी बोली

विदेश्वरी सिंह ने कहा कि भाजपा ज्वाइन करने पर दीक्षा को शुभकामनाएं। सर्व समाज को लेकर तरक्की की बात सिर्फ कांग्रेस ही सोच सकती है, इसलिए मैं कांग्रेस से जुड़ी हूं। इसके अलावा घर के अंदरूनी विषय पर कोई टिप्पणी नहीं करूंगी।

दीक्षा ने ये कहा

राजकुमारी दीक्षा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी से पिताजी लंबे समय से जुड़े रहे। किसी बात पर पार्टी ने उनका मान नहीं रखा, जिससे मन में नाराजगी स्वाभाविक थी। भाजपा सरकार सबसे बेहतर कार्य कर रही है, इसलिए बिना संकोच पार्टी से जुड़ गई हूं। भाभी व मेरे रिश्ते पर कोई भी सार्वजनिक बयान नहीं देना चाहती हूं।

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