India News UP (इंडिया न्यूज़), PM Modi: नई सरकार का गठन होने से पहले चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार ने महत्वपूर्ण मंत्रालयों की मांग की है, इसलिए यह सवाल भी उठता है कि इस परिस्थिति में उत्तर प्रदेश में केंद्र सरकार मंत्रियों की संख्या कम हो सकती है। क्योंकि यूपी में भाजपा अपने पुराने प्रदर्शन से काफी पीछे रह गई है।
लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद आज दिल्ली में होने वाली एनडीए संसदीय बोर्ड की बैठक आने वाली केंद्र सरकार और सहयोगी दलों के लिए काफी अहम होने वाली है। इसके साथ ही यह बैठक उत्तर प्रदेश के लिए भी अहम होगी। इसकी वजह यह है कि सहयोगी दल सरकार में अहम मंत्रालयों की मांग कर रहे हैं। जबकि यूपी में एनडीए के ‘मित्रों’ में से जनता ने सिर्फ अपना दल की अनुप्रिया पटेल को चुनकर संसद भेजा है। इतना ही नहीं यूपी में बीजेपी के प्रदर्शन को देखते हुए केंद्र सरकार में उत्तर प्रदेश का रुतबा भी घट सकता है।
नई सरकार के गठन से पहले चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार ने अहम मंत्रालयों की मांग की है, ऐसे में सवाल यह भी उठ रहे हैं कि ऐसी स्थिति में केंद्र सरकार में उत्तर प्रदेश से मंत्रियों की संख्या घट सकती है। क्योंकि यूपी में भाजपा अपने पिछले प्रदर्शन से काफी पिछड़ गई है। यूपी में भाजपा के सात केंद्रीय मंत्री चुनाव हार गए हैं। इनमें महेंद्र नाथ पांडेय, स्मृति ईरानी, अजय मिश्रा टेनी, संजीव बालियान, साध्वी निरंजन ज्योति, भानु प्रताप वर्मा, कौशल किशोर शामिल हैं। इन सभी को न सिर्फ अपने-अपने क्षेत्रों में करारी हार का सामना करना पड़ा है, बल्कि इनमें से कई के खिलाफ रिपोर्ट भी अच्छी नहीं रही है, जबकि खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा राजनाथ सिंह, एसपी सिंह बघेल, पंकज चौधरी चुनकर संसद पहुंचे हैं।
अगर 2019 से तुलना की जाए तो यूपी ने दिल्ली में मोदी सरकार बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। तब सहयोगी दलों के साथ मिलकर बीजेपी ने यूपी से 64 हारे थे । इसी वजह से केंद्रीय मंत्रिमंडल में प्रतिनिधित्व देते हुए प्रधानमंत्री समेत 14 मंत्री बनाए गए थे । थे, जबकि इस बार ये आंकड़ा 36 (बीजेपी 33+ आरएलडी 2+ अपना दल 1) पर ही सिमट गया है । ऐसे में ये तय माना जा रहा है कि यूपी से मंत्रियों की संख्या कम होगी।
इस बार कुर्मी मतदाताओं का महत्वपूर्ण योगदान देखकर, उन्हें संदेश देने की कोशिश की जा सकती है। इसी संदर्भ में, पंकज चौधरी को मंत्री बनाने की संभावना है। पिछली सरकार में स्मृति ईरानी, साध्वी निरंजन ज्योति और अपना दल की अनुप्रिया पटेल जैसी महिला मंत्री थीं, लेकिन इस बार केवल दो महिलाएं भाजपा से संसद में प्रवेश किया है। इस संदर्भ में, अनुप्रिया पटेल के लिए , केवल हेमा मालिनी ही उपयुक्त हैं। अनुप्रिया पटेल का मंत्रिपरिषद निश्चित है, जबकि युवा नेता अरुण सागर को भी संभावित रूप से मंत्री पद मिल सकता है।