इंडिया न्यूज, लखनऊ:
PM Will Give A Gift To Gorakhpur यूपी विशेष कर गोरखपुर के लिए अच्छी खबर है। पीएम नरेंद्र मोदी सीएम योगी के गोरखपुर को 9600 करोड़ का तोहफा देंगे। पीएम तमाम विकास परियोजनाएं राष्ट्र को समर्पित करेंगे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयास से गोरखपुर में 30 वर्ष से अधिक समय तक बंद रहा गोरखपुर उर्वरक संयंत्र फिर से शुरू होगा। देश में यूरिया के उत्पादन में आत्मनिर्भरता हासिल करने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन से प्रेरणा लेकर इस बड़े यूरिया कारखाने को फिर से प्रारंभ किया जा रहा है। गोरखपुर की इस बड़ी परियोजना का लाभ विशेषकर पूर्वांचल क्षेत्र और आसपास के इलाकों के किसानों को होगा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गोरखपुर उर्वरक संयंत्र की आधारशिला 22 जुलाई 2016 को रखी थी। 30 वर्ष से अधिक अर्से तक बंद रहने के बाद इसे फिर से पूर्वरूप में लाया गया है और लगभग 8600 करोड़ की लागत से इसका निर्माण किया गया है।
गोरखपुर का संयंत्र स्वदेशी नीम कोटेड यूरिया का सालाना 12.7 एलएमटी उत्पादन करेगा। यह पूर्वांचल और आसपास के इलाकों के किसानों की यूरिया उर्वरक की मांग की पूर्ति करने की दिशा में उनके लिए अत्यंत लाभकारी साबित होगा। यह क्षेत्र के समग्र आर्थिक विकास को भी प्रोत्साहन देगा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इसके साथ ही एम्स गोरखपुर के परिसर को भी राष्ट्र को समर्पित करेंगे। जिसे 1,000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बनाया गया है। इस परिसर की आधारशिला प्रधानमंत्री ने 22 जुलाई, 2016 को रखी थी। इसकी स्थापना प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के अंतर्गत की गई है।
जिसमें प्रधानमंत्री की दूरदृष्टि के अनुसार तृतीय स्तर की स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं की उपलब्धता में क्षेत्रीय असंतुलन को ठीक करने के लिए संस्थान स्थापित होंगे। एम्स, गोरखपुर की सुविधाओं में 750 बेड का अस्पताल, मेडिकल कॉलेज, नर्सिंग कॉलेज, आयुष भवन, सभी कर्मचारियों के रहने के लिए आवास, यूजी व पीजी छात्रों के लिए छात्रावास आदि शामिल हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गोरखपुर में आईसीएमआर-क्षेत्रीय चिकित्सा अनुसंधान केन्द्र (आरएमआरसी), गोरखपुर के नए भवन का भी उद्घाटन करेंगे। क्षेत्र में जापानी इंसेफेलाइटिस के साथ एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम की चुनौती से निपटने में केन्द्र सरकार की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ नया भवन संचारी और गैर-संचारी रोगों के क्षेत्रों में अनुसंधान के नए क्षितिज के साथ-साथ क्षमता निर्माण में मदद करेगा और क्षेत्र के अन्य चिकित्सा संस्थानों को सहायता प्रदान करेगा।
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