RSS: (Saints of Ayodhya reacted to Mohan Bhagwat’s statement, said, anti-national forces are fighting Hindus): संतो ने मोहन भागवत के बयान पर दर्ज कराया विरोध। संत समाज ने कहा वर्ण व्यवस्था सवर्ण समाज ने नहीं बल्कि ईश्वर ने निर्धारित की है।
गीता में भगवान ने उल्लेख किया है। रामलला के प्रधान पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने बयान दिया जिसमे कहा कि पंडितों ने श्रेणी नहीं बनाई है। भगवान ने गीता में स्वयं कहा है कि चारों वर्णों की सृष्टि मैंने स्वयं किया है। वर्ण व्यवस्था गुण और कर्म के अनुसार निर्धारित है।
आचार्य सत्येंद्र दास ने आगे कहा कि वर्ण व्यवस्था में भेदभाव राजनीतिज्ञों और पदों पर आसीन लोग कर रहे हैं। सत्ता प्राप्त करने के लालच में लोगों को जात पात में बांटा जा रहा है। वर्ण व्यवस्था पंडितों ने नहीं राजनीतिज्ञों ने बनाई है। सत्ता के लालच में जात पात में भेदभाव किया जा रहा है। बता दे, आचार्य सत्येंद्र दास राम जन्मभूमि के प्रधान पुजारी है।
तपस्वी छावनी पर पीठाधीश्वर जगद्गुरु परमहंस आचार्य ने बयान दिया और कहा कि भगवान सबके हैं, ईश्वर की आराधना सब कर सकते हैं। देश विरोधी ताकते हिंदुओं को तोड़ने के लिए बीच-बीच में षंड़यंत्र करती रहती है। हिंदुओं को एकजुट होकर समाज को आगे बढ़ाने की जरूरत है। सवर्ण समाज ने देश और धर्म के लिए हमेशा बलिदान दिया है। 10 साल के लिए लागू आरक्षण 70 साल तक समाप्त नहीं हो सका।
विद्यालयों में दलित का बेटा मामूली खर्च पर शिक्षा लेता है। वही संवर्ण का बेटा चाहे उसके पिता बेरोजगार हो लेकिन शिक्षा के लिए पैसा भरता हैं। बेरोजगार संवर्ण का बच्चा 90% अंक लाकर लाखों रुपए की फीस भरता है। वही दलित का बच्चा 40% अंक लाकर सरकारी नौकरी कर रहा है। बावजूद इसके सवर्णों ने दलित का सम्मान किया है और उन्हें अपना भाई मन है।
जगद्गुरु परमहंस आचार्य ने आगे कहा कि देश विरोधी ताकतें समय समय पर हिंदुओ को लड़ा रही हैं। सबको आपस में मिलकर देश को आगे बढ़ाने का काम करना चाहिए। बता दे, जगदगुरु परमहंस आचार्य तपस्वी छावनी पीठाधीश्वर है।