Satish Chandra Mishra: चुनावी मौसम में कहां हैं बसपा के ‘रणनीतिकार’ सतीश चंद्र मिश्र, Mayawati से दूरी की क्या है वजह?

India News(इंडिया न्यूज़),Satish Chandra Mishra: भारत के लिए 28 मई,2023 का दिन ऐतिहासिक तौर पर दर्ज हुआ क्योंकि इस दिन देश को एक नया संसद मिला। तमाम आरोप-प्रत्यारोप के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आखिरकार संसद की नई इमारत का उद्घाटन किया। बसपा ने भी पीएम द्वारा उद्घाटन का समर्थन किया। ये हम सबने देखा लेकिन आज हम आपसे नए संसद के विषय पर बात नहीं करने वाले हैं। बल्कि बहुजन समाज पार्टी के एक ऐसे कद्दावर नेता के बारे में बात करने वाले हैं जो बसपा सुप्रीमो मायावती के बाद पार्टी में नंबर दो की हैसियत रखते हैं। जी हां! हम बात कर रहे हैं बसपा के महासचिव सतीश चंद्र मिश्र की। मायावती की माया में आखिर कहां गायब हो गए सतीश चंद्र मिश्र? मायावती को मुख्यमंत्री की कुर्सी दिलाने वाले कहां हैं सतीश चंद्र मिश्र। क्या BJP में नई पारी की शुरूआत करेंगे BSP के सतीश मिश्र? मुश्किल दौर के साथी, का क्या छूट जाएगा हाथी? 18 सालों से पार्टी से सांसद और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव के पद पर मौजूद, लेकिन अब हो गए पार्टी से दूर।

फाइल फोटो

राजनीतिक गलियारों में सतीश चंद्र मिश्र के गायब होने की खबर

मायावती के करीबी नेताओं में से एक बहुजन समाज पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा अपनी ही पार्टी में किनारे लगते दिखाई दे रहे हैं। बसपा को 2007 में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने में एक बड़ी भूमिका निभाने वाले सतीश चंद्र मिश्र को लेकर बसपा में जिस प्रकार का माहौल बन रहा है। उसके बाद अब ये कहा जाने लगा है कि उनकी राजनैतिक पारी  का पार्टी में दी एंड हो गया है। भले ही इस मामले में अभी तक सतीश चंद्र की ओर से कोई बयान नहीं आया है। हालांकि पार्टी ने उनकी बीमारी का हवाला दिया है। लेकिन कयासबाजियों का दौर खूब चल रहा है। युूपी में विधानसभा चुनाव में बसपा को मिली करारी हार के बाद से सतीश चन्द्र चुनावी मौसम में नजर नहीं आ रहे। यूपी नगर निकाय चुनाव हुआ, कर्नाटक में विधानसभा चुनाव हुआ। बसपा प्रमुख मायावती ने वहां रैली की, लेकिन सतीश चंद्र मिश्र का नाम स्टार प्रचारकों की लिस्ट तक में नहीं था। जबकि यूपी के अन्य नेताओं का नाम उसमें शामिल था। उन्होंने कोई चुनावी सभा नहीं की और न किसी अहम बैठक में शामिल हुए। यूपी में रामपुर और आजमगढ़ में हुए उप चुनाव में भी सतीश चंद्र मिश्र का नाम स्टार प्रचारकों की लिस्ट में नहीं था। अब राजनीतिक गलियारों में यह सवाल उठ रहा है कि चुनावी सीजन में वे कहां गायब हैं?

फाइल फोटो

सतीश चन्द्र को पहले जानिए

कहा तो यहां तक गया कि वो अभी हाल ही में हुए यूपी नगर निकाय चुनाव में वोट डालने भी नहीं गए। इससे पहले मायावती जब भी वोट डालने जाती थीं तो उनके साथ भी सतीश चंद्र मिश्र ही नजर आते थे। लेकिन इस बार उनके साथ नजर नहीं आए। वकील से प्रदेश के कद्दावर और ब्राह्मण नेता तक का सफर तय करने वाले सतीश चंद्र मिश्र के बारे में पहले जानिए सतीश चंद्र मिश्रा का जन्म कानपुर में 1952 में हुआ था। पंडित प्रीति नाथ कॉलेज से ग्रैजुएशन के बाद उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से एलएलबी की डिग्री ली। इसके बाद वकालत शुरू की। परिवार में पत्नी कल्पना मिश्रा, उनकी चार बेटियां और एक बेटा है।

फाइल फोटो

मायावती की 2007 में पूर्ण बहुमत की सरकार बनवाई

1998 में वे काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश का चुनाव लड़ा और चेयरमैन बने। मायावती सरकार के समय मई 2002 में उन्हें उत्तर प्रदेश का एडवोकेट जनरल बना दिया गया। सितंबर 2003 तक वे इस पद पर रहे। यहीं से उनका झुकाव बहुजन समाज पार्टी की तरफ बढ़ गया। वह मायावती को मुकदमों में सलाह देने के साथ ही पार्टी में रणनीतिकार बन गए। जब 2007 में पूर्ण बहुमत की सरकार बनी तो सतीश चंद्र मिश्र का कद पार्टी में और बढ़ गया। इस जीत का श्रेय सतीश चंद्र मिश्र की सोशल इंजीनियरिंग को दिया गया।दलितों और मुस्लिमों की राजनीति करने वाली बसपा को 2007 में सत्ता तब ही मिली जब वह अपने वोट बैंक में ब्राहमणों को जोड़ पाई और ये काम किया सतीश चंद्र मिश्र ने।

फाइल फोटो

बीजेपी में जाने की अटकलें तेज

हालांकि 2012 में पार्टी को हार मिली और समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव मुख्यमंत्री बने। लेकिन इस दौरान भी सतीश मिश्र मायावती के खास सलाहकार बने रहे। वहीं विधानसभा चुनाव 2022 में भी सतीश चंद्र मिश्र ने  उसी 2007 वाली सोशल इंजीनियरिंग को दोहराने की जिम्मेदारी सतीश चंद्र मिश्र को मायावती ने दी लेकिन एक बार फिर वो सफल नहीं हो पाए। बसपा इस चुनाव में मात्र एक सीट पर सिमट गई। इसके बाद से ही मायावती से सतीश चंद्र मिश्र की दूरी बढ़ने लगी और राजनैतिक चर्चाओं का बाजार गर्म होता गया। सतीश चन्द्र मिक्ष का जुलाई में राज्यसभा से सांसद का कार्यकाल पूरा हो रहा है। ऐसे में उनका अगला कदम क्या होगा ये देखने वाली बात होगी। कहा जा रहा है कि वो बसपा छोड़ बीजेपी का दामन थाम सकते हैं। अगर ऐसा होता है तो ब्राहमण चेहरा होने का कारण बीजेपी को लोकसभा चुनाव में फायदा होगा।

 New Parliament News: स्वामी प्रसाद मौर्य ने अब नई संसद भवन में पूजा करने वाले ब्राह्मणों पर उठा दिए सवाल, सेंगोल पर भी उठाए सवाल

Monu kumar

मोनू कुमार ने अपने पत्रकारिता जीवन की शुरुआत India Ahead News Channel (इससे पहले ये यूट्यूब पोर्टल Jantalk और mdvlogs का भी हिस्सा रहे हैं) से की। फिलहाल ये अभी हमारे ITV Network (India News) का हिस्सा हैं।

Recent Posts

CM Yogi: शिक्षा की तरफ बड़ा कदम, यूनिफॉर्म के लिए सरकार की तरफ से मिलेंगे 1200

India News UP (इंडिया न्यूज़), CM Yogi: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शिक्षा…

3 months ago

UP News: 12 किलोमीटर चलने के बाद ऑटो की सवारियों को दिखा अजगर! मची भगदड़

India News UP (इंडिया न्यूज़), UP News: उत्तर प्रदेश के महराजगंज जिले में एक चौंकाने…

3 months ago

Allahabad High Court: HC ने खारिज की याचिका, फैसला कांग्रेस के सांसदों के पक्ष में

India News UP (इंडिया न्यूज़), Allahabad High Court: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कांग्रेस पार्टी के 99…

3 months ago

Bahraich News: भेड़ियों का आतंक! मासूम बच्चों की ले ली जान

India News UP (इंडिया न्यूज़), Bahraich News: उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में भेड़ियों का…

3 months ago

Doctors Strike: 8 दिन बाद भी न्याय की मांग गूंज रही, BHU में डॉक्टरों की हड़ताल

India News UP (इंडिया न्यूज़), Doctors Strike: उत्तर प्रदेश के वाराणसी में स्थित बनारस हिंदू…

3 months ago