इंडिया न्यूज, गोरखपुर।
Train will Get Signal from the Equipment Made in the Factory : अब देश के पांच रेलवे जोन में गोरखपुर सिग्नल कारखाना में बने उपकरण से ट्रेनों को सिग्नल मिलेगा। कारखाना में रिले और प्वाइंट्स मशीन जैसे उपकरण ज्यादा संख्या में बनाए जाएंगे। (Train will Get Signal from the Equipment Made in the Factory)
इसके लिए छह करोड़ रुपये का बजट भी स्वीकृत हो गया है। दरअसल, ट्रेनों को सिग्नल देने के लिए पटरियों के किनारे वायर बिछाए जाते हैं। इन वायर को प्वाइंट्स मशीन और रिले से जोड़ा जाता है। सिग्नल कारखाना में अभी प्रतिवर्ष तीन हजार प्वाइंट्स मशीन बनते हैं। अब पांच हजार मशीन बनाए जाएंगे।
इसके अलावा 30 हजार रिले प्रतिवर्ष तैयार किए जाते हैं, जो अब बढ़कर 50 हजार प्रतिवर्ष हो जाएगी। उपकरणों की सप्लाई मांग के अनुसार पूर्वोत्तर रेलवे के अलावा पांच अन्य रेलवे जोन में की जाएगी। पूर्वोत्तर रेलवे का सिग्नल वर्कशॉप 10 नवंबर 1944 में स्थापित हुआ था। (Train will Get Signal from the Equipment Made in the Factory)
उस समय 20 स्टॉफ तैनात थे। नवंबर 1958 में इसे गोरखपुर कैंट में शिफ्ट कर दिया गया। 120 स्टॉफ के साथ काम शुरू हुआ। मौजूद समय में इसका विस्तार कर दिया गया है।
(Train will Get Signal from the Equipment Made in the Factory)