India News (इंडिया न्यूज़), Nikita Sareen, Lucknow: इस साल के आखिर में होने वाले तीन राज्यों के चुनाव में यूपी के भाजपा कार्यकर्ताओं का दम दिखेगा। यूपी बीजेपी वहां ‘बूथ और इलेक्शन मैनेजमेंट’ संभालने के लिए अल्पकालिक विस्तारकों की एक टीम तैयार कर रही है। यह टीम पहली बार 27 जून को भोपाल में होने वाले पीएम नरेंद्र मोदी की रैली में पहुंचकर मोर्चा संभालेगी। वहां इनसे पीएम मोदी खुद संवाद करेंगे। इसके बाद यह बाकी राज्यों में भेज दिए जाएंगे।
इंडिया न्यूज़ संवाददाता निकिता सरीन के खबर के मुताबिक बीजेपी यूपी से ऐसे करीब पांच हजार कार्यकर्ताओं को भेजने की तैयारी है। इनकी ट्रेनिंग शुरू कर दी गई है। लखनऊ और कानपुर में ट्रेनिंग देने का मोर्चा खुद संगठन महामंत्री धर्मपाल सिंह ने संभाला तो वेस्ट यूपी की कमान प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने संभाली है। उन्हें ‘मेरा बूथ सबसे मजबूत’ का टारगेट दिया जा रहा है। यह अल्पकालिक विस्तारक वह कार्यकर्ता होंगे, जिन्हें पहले से बूथ पर काम करने का अनुभव है। चूंकि इस साल छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान में होने वाले चुनाव में बीजेपी के सामने कांग्रेस मजबूती से खड़ी है, इस वजह से अब जमीनी स्तर पर रणनीति तैयार की जा रही है। छत्तीसगढ़ और राजस्थान में कांग्रेस तो मध्य प्रदेश में बीजेपी सत्ता में काबिज है।
सूत्रों का कहना है कि बीजेपी ने इन तीन राज्यों के चुनाव के लिए एक-एक प्रभारी और दो-दो सह प्रभारी नियुक्त करने पर काम शुरू कर दिया है। इसके लिए वरिष्ठ कार्यकर्ताओं की लिस्ट तैयार की गई है। यह प्रभारी और सह-प्रभारी ही चुनाव का पूरा प्रबन्धन देखेंगे। वह अल्पकालिक विस्तारकों के अगुवा होंगे। इन्हें भी बूथ और इलेक्शन मैनेजमेंट की ट्रेनिंग दी जाएगी। कोशिश है कि हर राज्य में 500 से 1000 कार्यकर्ता चुनाव से पहले ही डेरा डाल दें। इन्हें खासतौर पर उन सीटों पर भेजा जाएगा, जहां यूपी का प्रभाव ज्यादा है, या वहां यूपी के लोग पहले से जाकर बस गए हैं। वह एक-एक बूथ की कमान संभालकर घर-घर जाकर बीजेपी के बारे में समझाएंगे।
इससे पहले पिछले साल हुए गुजरात चुनाव में भी यूपी बीजेपी के 5000 से ज्यादा कार्यकर्ताओं ने कमान संभाली थी। इसका प्रभारी कानपुर क्षेत्र के क्षेत्रीय अध्यक्ष प्रकाश पाल को दी गई थी। खासतौर पर वहां की 64 सीटों की कमान तो यूपी वालों के हाथ में ही थी। खुद सीएम योगी के साथ डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, बृजेश पाठक, जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह को अलग-अलग विधानसभाएं दी गई थीं। वहीं कई विधायक और एमएलसी भी उस चुनाव में लगाए गए थे। इसके बाद वहां बीजेपी ने बंपर जीत हासिल की थी।
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