India News(इंडिया न्यूज़),UP Crime Statistics: योगी सरकार के चलते उत्तर प्रदेश में अपराध की तादात कम होती नज़र आ रही है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो(NCRB) के आकड़े अब आ चुके हैं। एनसीआरबी की रिपोर्ट की माने तो पिछले 5 वर्षों में यहां 50 प्रतिशत दंगों में गिरावत आई है। एनसीआरबी के आकड़ों के अनुसार जहां 661 अपराधिक घटनाओं के मामले में केरल सबसे आगे है वहीं यूपी अब 18वें स्थान पर मौजूद है। आकड़े ये भी बताते हैं की साल 2022 में उत्तर प्रदेश में एक भी दंगा नहीं हुआ है।
कानून-व्यवस्था का मुद्दा किसी भी राज्य के लिए सबसे महत्वपूर्ण होता है। जनसंख्या के लिहाज से सबसे बड़े उत्तर प्रदेश के लिए अपराधियों पर कार्रवाई का दायरा बढ़ाने का चुनौती भी सबसे ज्यादा रहता है। एनसीआरबी की ताजा रिपोर्ट पर नजर दौड़ाये तो प्रदेश में महिलाओं व बच्चों के प्रति अपराधों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। वहीं अपराधियों पर कार्रवाई के लिए विभिन्न अधिनियम व अभियोजन के तहत कदम बढ़ाकर यूपी पुलिस ने कई क्षेत्रों में नियंत्रण भी किया है। यूपी पुलिस ने देश विरोधी गतिविधियों में शामिल आरोपियों के विरुद्ध अपनी कार्रवाई बढ़ाई है। वर्ष 2022 में प्रदेश में गैर कानुनी गतिविधियों के तहत 101 मुकदमे दर्ज हुए। जबकि इनकी सबसे ज्यादा संख्या जम्मू-कश्मीर में 371, मणिपुर में 167 और असम में 133 रही।
उत्तर प्रदेश पुलिस ने देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त आरोपितों के विरुद्ध अपनी कार्रवाई बढ़ाई है। वर्ष 2022 में प्रदेश में विधि विरुद्ध क्रियाकलाप अधिनियम के तहत 101 मुकदमे दर्ज हुए। जबकि इनकी सर्वाधिक संख्या जम्मू-कश्मीर में 371, मणिपुर में 167, असम में 133 रही। शेष राज्य कार्रवाई में यूपी से काफी पीछे रहे। अन्य बड़े राज्यों की तुलना में उत्तर प्रदेश आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) ने अपनी सक्रियता बढ़ाई। आर्म्स एक्ट की बात करें तो यूपी में 38,094 मुकदमे दर्ज कर आरोपितों पर कार्रवाई की गई।
उत्तर प्रदेश में एनडीपीएस एक्ट के तहत भी कार्रवाई अन्य बड़े राज्यों की तुलना में बेहतर रही। यूपी में 11541 मुकदमे दर्ज हुए थे। जबकि पंजाब में 12442, महाराष्ट्र में 13830 व केरल में 10385 मुकदमे दर्ज हुए थे। रेलवे एक्ट के तहत सर्वाधिक 92 व वन संरक्षण अधिनियम के तहत 1201 मुकदमे दर्ज हुए। मध्य प्रदेश में इनकी संख्या 12,707 रही और महाराष्ट्र में 3498, बिहार में 3549 व हरियाणा में 3059 रही। भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की बात करें तो उत्तर प्रदेश में 202 मुकदमों के तहत आरोपियों पर कार्रवाई की गई। महाराष्ट्र में इस अधिनियम के तहत सर्वाधिक 688 मुकदमे दर्ज किए गए। जबकि तीसरे नंबर पर हरियाणा में 43 मुकदमे दर्ज हुए।
NCRB ने 2022 के लिए जो आंकड़ा निकाला है उसके मुताबिक यूपी में पिछले 5 साल में इसमें 50 प्रतिशत की गिरावट भी आई है। लेकिन छत्तीसगढ़ में ये आंकड़ा बढ़ गया है। यहां पर 44 प्रतिशत का उछाल आया है। और पूरे देश की बात करें तो सांप्रदायिक दंगों की घटनाओं में 2018 और 2022 के बीच 34% की गिरावट देखी गई है।
सांप्रदायिक दंगे 2021 में 378 से घटकर 2022 में केवल 272 रह गए हैं। मध्य प्रदेश में 2022 में सांप्रदायिक या धार्मिक दंगों की 68 घटनाएं हुईं, बिहार में 60 और झारखंड में 46 हुईं। एनसीआरबी की 2022 की रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश में सांप्रदायिक या धार्मिक दंगों की एक भी घटना नहीं हुई है।
पिछले साल देश में सबसे ज्यादा राजनीतिक दंगे केरल में हुए, जहां ऐसी 301 घटनाएं हुईं. ओडिशा में 224 और महाराष्ट्र में 86 दंगे हुए। 2018 और 2022 के बीच एनसीआरबी अपराध डेटा की राज्यों के बीच तुलना से पता चलता है कि जहां राजस्थान और छत्तीसगढ़ में दर्ज हत्याओं में 21.6% और 10.5% की बढ़ोतरी देखी गई वहीं उत्तर प्रदेश में हत्या के मामलों में 10% से अधिक की गिरावट देखी गई। देश में हत्या के मामलों में गिरावट देखी गई।
पिछले 5 वर्षों में राज्य में महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामलों में सबसे अधिक वृद्धि राजस्थान (61.7%) और तमिलनाडु (58.1%) में हुई, जबकि असम में ऐसे मामलों में लगभग 50% की कमी देखी गई है। बिहार में भी बलात्कार के मामलों में 35.3% की वृद्धि देखी गई, जबकि तेलंगाना और राजस्थान में 34.3% और 24.5% का उछाल आया है।
उत्तर प्रदेश सरकार अपराध के प्रति जीरो टॉलरेंस की पॉलिसी रखती है। उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ अपराध को लेकर बेहद सख्त माने जाते हैं। सत्ता में आने के बाद वह कई बार चेतावनी भी दे चुके हैं। एनसीआरबी के आंकड़ों से साबित भी होता है सीएम योगी की ज़ीरो टॉलरेंस पॉलिसी अपराधिक गतिविधियों को कम करने में पास हो गई है। आंकड़ों के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में साल 2022 में एक भी दंगा नहीं हुआ। वहीं पिछले 5 साल में इसमें 50 प्रतिशत की गिरावट भी आई है।
राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) भारत सरकार, गृह मंत्रालय के साथ संलग्न एक कार्यालय है। नई दिल्ली स्थित इस ब्यूरो का प्रमुख उद्देश्य भारत की पुलिस के आधुनिकीकरण व सूचना प्रौद्योगिकी में सशक्त करना है। एनसीआरबी देश भर में “अपराध अपराधी सूचना प्रणाली” (Crime Criminal Information system,सी.सी.आई.एस.) के अंतर्गत प्रत्येक राज्य अपराध रिकार्ड ब्यूरो एवं जिला अपराध रिकार्ड ब्यूरो में 762 सर्वर-आधारित कम्प्यूटर सिस्टम स्थापित कर चुका है, ताकि अपराध, अपराधियों एवं अपराधियों की सम्पत्ति से संबंधित राष्ट्रीय स्तर के डाटा बेस को व्यवस्थित किया जा सके। इसके अतिरिक्त एनसीआरबी “अपराध एवं अपराधी खोज नेटवर्क और प्रणाली” (Crime and Criminal Tracking Network and Systems,सी.सी.टी.एन.एस.) को भी कार्यान्वित कर रहा है। एनसीआरबी तीन वार्षिक रिपोर्ट यानी भारत में अपराध, भारत में आकस्मिक मृत्यु और आत्महत्याएं और भारत में जेल सांख्यिकी प्रकाशित करता है।
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