India News(इंडिया न्यूज़), Abhishek Singh, UP Politics: हम जिनकी बात कर रहे है इनका नाम यू तो हमेशा से अपने बयान वीर अन्दाज़ की वजह से चर्चा में बना रहता है लेकिन हाल में इसमें तेज़ी तब आयी जब ओम प्रकाश राजभर का साथ छोड़ के फिर से भाजपा के गठबंधन का हिस्सा बने। वही सूत्रों की माने तो लम्बे वक़्त तक भाजपा का साथ छोड़ने के बाद विपक्ष में सपा के रहते रहते राजभर का सब्र ख़त्म हो गया था।
वही दूसरी तरफ़ निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद के राजनैतिक पैंतरों को ही सही मानते हुए उनकी तर्ज़ पर खुद के प्रदेश में योगी कैबिनेट में पोर्टफ़ोलियो और बड़े बेटे अरविंद राजभर के लिए सांसदी की सीट पर भाजपा से बात बनी लेकिन इस सब के बीच अभी भी अपने जलेबी दाव और राजनीति में सब्र का मतलब नुक़सान समझने वाले राजभर इन दिनों लगातार दिल्ली के चक्कर लगा रहे है। राजनैतिक हल्फ़ो में भी चर्चा तेज़ हो गयी है की केंद्र में मंत्रिमंडल विस्तार और प्रदेश में ज़िला अध्यक्षों के बदलाव के बाद प्रदेश में मंत्रिमंडल का विस्तार होगा, जिसमें अभी वक़्त है।
सूत्रों के मुताबिक़ अपनी आदत से मजबूर राजभर कैबिनेट में किस तरह की जगह होगी इसको लेकर बात करने दिल्ली पहुँचे। जहाँ उनसे उत्तर प्रदेश चुनाव के नतीजे और परफ़ोरमेंस के बाद ही कोई निर्णय लेने की बात कही गयी जिसके बाद से राजभर कुछ पशो पेश में आ गए है वही भाजपा के बड़े नेता अब इस बात से भी संकुचित है की अपने जलेबी दाव के लिये मशहूर राजभर कहीं ऐन वक़्त पर दाव न दे जाये जिसको लेकर उप चुनाव को उनके समर्थन के लिटमस टेस्ट की तरह देखा जा रहा है।
वही, सूत्रों की मानें तो एक तीर से दो निशाने साधने के लिये राजभर एक तरफ़ खुद के लिये पंचायती राज मंत्रालय माँग रहे है और बेटे के लिए सांसदी की सीट हालाँकि ये मंत्रालय फ़िल्हाल मुख्यमंत्री के पास है। लिहाज़ा मंत्रालय को लेकर राजभर की बात अभी खुल कर तो नही हो पा रही है लेकिन वो महत्वपूर्ण पोर्टफ़ोलियो लेना चाहते है। जिसमें उनके मुताबिक़ पंचायती राज सबसे मुफ़ीद है। मंत्रालय के ज़रिए गाव में पार्टी के सोये हुए वोटरों से भी जुड़ पायेंगे और उनके लिये काम कर के बड़ा मेसेज़ भी समाज में दे पाएँगे। जिससे अंदरूनी तौर पर सहेलदेव भारतीय समाज पार्टी का कोर वोटर न सिर्फ़ प्रभावित होगा बल्कि पार्टी का जनाधार भी प्रदेश में बढ़ेगा। अब देखना होगा पार्टी आला कमान क्या तय करता है लेकिन इस सब के बीच ये चर्चा का विषय ज़रूर बन गया है ।