India News (इंडिया न्यूज़), UP News: अंतरराष्ट्रीय जाट संसद में केंद्रीय पशुधन राज्यमंत्री डॉ. संजीव बालियान के बयान के बाद सियासत गरमा गई है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश से अलग राज्य बनाने को लेकर संजीव बालियान और भी मुखर हो गए हैं। जहां रालोद नेताओं ने इसे आगामी चुनावों में वोट हासिल करने की रणनीति बताया, वहीं अखिल भारतीय जाट महासभा ने कहा कि मंच पर प्रदर्शन से कोई फायदा नहीं होगा। यह एक मंत्री की सरकार है और उन्हें इसे धरातल पर लाना होगा।
रविवार को सुभारती यूनिवर्सिटी में अंतरराष्ट्रीय जाट संसद को संबोधित करते हुए डॉ. संजीव बालियान ने पश्चिमी राज्य उत्तर प्रदेश को एक स्वतंत्र राज्य में बदलने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि एक दिन यह हकीकत बनेगा और मेरठ पश्चिमी उत्तर प्रदेश की राजधानी बनेगा। उनके बयान के बाद रालोद नेताओं ने जाट संसद को लेकर कहा कि ये इस तरह के मुद्दे से भटकानें की कोशिश कर रहें है।
अखिल भारतीय जाट महासभा अध्यक्ष प्रताप चौधरी ने कहा कि मंत्री सरकार का हिस्सा हैं। यदि वह चाहते हैं कि पश्चिमी राज्य उत्तर प्रदेश एक स्वतंत्र राज्य बने तो उन्हें इसे धरातल पर लाना होगा। मंच पर ऐसे झूठे वादे करने से कुछ नहीं होगा। जाट आरक्षण को लेकर उन्होंने कहा, विधानसभा चुनाव से पहले संजीव बालियान ने जाटों को आरक्षण देने का वादा किया था, लेकिन चुनाव के बाद सब भूल गए। जिसके बाद अब लोगों को मुद्दे से भटकाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि भारत भर में जाट महासभा ने भी स्वतंत्र राज्य के निर्माण का समर्थन किया लेकिन पहले अतीत में किए गए वादों को पूरा करें। उन्होंने कहा कि केंद्र के प्रति आरक्षण, राज्यों का पुनर्गठन और सुप्रीम कोर्ट का निर्माण शुरू से ही महासभा के एजेंडे में थे।
रालोद के राष्ट्रीय सचिव डी. राजकुमार सांगवान ने कहा कि संजीव बालियान जाट आरक्षण को भूल गए और जाट समुदाय को इस मांग से विमुख करना चाहते हैं। हालाँकि, 2017 के आम चुनाव से पहले उन्होंने दिल्ली में अपने आवास पर एक बैठक आयोजित की और घोषणा की कि जनता को केंद्रीय सेवाओं में सीटें बुक करने का विकल्प दिया जाएगा। उनकी सरकार आरक्षण देगी, इस पर प्रधानमंत्री से बातचीत चल रही है, लेकिन वह अपना ही वादा भूल गये हैं और अब वोट की राजनीति कर रहे हैं। वह लोगों का ध्यान आरक्षण से हटाकर अपना राज्य बनाने की ओर लगा रहे हैं। वह इन सभी बातें से लोगों के साथ धोखा कर रहे हैं।
बिजनौर से बसपा सांसद मलूक नागर ने कहा कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश को अलग राज्य बनाने की 70 साल पुरानी मांग को पूरा करने का समय आ गया है। केंद्रीय राज्य मंत्री संजीव बालियान ने उम्मीद जताई कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश अलग राज्य बनेगा और केंद्र सरकार को इसे संसद में पारित करना चाहिए। हमें अपने राज्य का पूरा समर्थन प्राप्त है।
बसपा सांसद मलूक नागर ने कहा कि उन्होंने पश्चिमी उत्तर प्रदेश को अलग राज्य बनाने का मुद्दा संसद में पुरजोर तरीके से उठाया है। 1955 में बाबा साहब डाॅ. भीमराव अम्बेडकर ने उत्तर प्रदेश को तीन भागों में विभाजित करने की पुरजोर वकालत की। 1953 में दिल्ली के पहले मुख्यमंत्री ब्रह्म प्रकाश ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश को दिल्ली में मिलाने का प्रस्ताव रखा। चौधरी चरण सिंह और अजित सिंह ने भी राज्य के बंटवारे की वकालत की थी।
वहीं, बसपा प्रमुख मायावती जब प्रदेश की मुख्यमंत्री थीं, तब उन्होंने उत्तर प्रदेश को चार हिस्सों में बांटने का प्रस्ताव संसद में पारित कर केंद्र सरकार को भेजा था। यह ऑफर अभी भी लंबित है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को इसे स्वीकार करना चाहिए और पश्चिमी राज्य उत्तर प्रदेश को एक स्वतंत्र राज्य बनाना चाहिए। पश्चिम में स्वतंत्र सरकार बनने से पिछड़े वर्ग, दलित और अल्पसंख्यकों को प्रधानमंत्री पद पर बैठने का मौका मिलेगा।
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