India News (इंडिया न्यूज़),Chandramani Shukla, Lucknow,UP News: उत्तर प्रदेश का चिकित्सा शिक्षा विभाग एक फिर चर्चा में है। इस बार यहां एक बड़ी अनियमितता की खबर आ रही है। चिकित्सा शिक्षा विभाग की ओर से मेडिकल कॉलेज तैयार करने में नियमों के अनदेखी की बात कही जा रही है। ऐसा कहा जा रहा है कि पीपीपी मॉडल पर बनने वाले 14 मेडिकल कॉलेज के लिए 400 करोड़ से ज्यादा का ठेका देने में नियमों को दरकिनार कर दिया गया। ऐसे आरोप लग रहे कि इस विभाग के प्रमुख सचिव आलोक कुमार ने अपनी चहेती फर्म को काम दिलाने के लिए नियमों की परवाह नहीं की। अब इस मामले को लेकर जांच प्रक्रिया भी जारी है।
दरअसल, प्रदेश में पीपीपी मॉडल पर 14 मेडिकल कॉलेज बनाए जा रहे हैं। जिनके लिए फर्नीचर और उपकरण की खरीद होनी थी। इसको लेकर चिकित्सा शिक्षा विभाग ने हाइट्स कंपनी को 400 करोड़ से ज्यादा का ठेका दे दिया। हाइट्स केंद्र सरकार की पीएसयू है। इस मामले में हाइट्स कंपनी को 2% कंसल्टेंसी फीस विभाग के द्वारा देने का शासनादेश भी जारी कर दिया गया साथ ही टेंडर की लगभग 50% की राशि भी एडवांस देने का आदेश दिया गया। अब इस मामले में ऐसी जानकारी निकलकर सामने आ रही है कि इतने भारी भरकम कीमत के संसाधनों की खरीद के लिए कैबिनेट की मंजूरी जरूरी थी। लेकिन यह ठेका कैबिनेट की मंजूरी लिए बिना ही दे दिया गया।
विभाग ने जहां इस काम की जिम्मेदारी एक कंपनी को सौंप दी है। तो इसके पहले नए बनने वाले मेडिकल कॉलेज में फर्नीचर और उपकरण खरीदने के लिए प्रिंसिपल के पास पूरी पावर होती थी। प्रिंसिपल ही ठेका देने का काम करते थे। इसके लिए कोई भी कंसल्टेंसी फीस की जरूरत नहीं पड़ती थी। लेकिन चिकित्सा शिक्षा विभाग ने हाइट्स कंपनी को सभी 14 मेडिकल कॉलेज के फर्नीचर और उपकरण खरीदने की जिम्मेदारी दे दी। अब हाइट्स कंपनी ही टेंडर प्रक्रिया कराएगी। इसके लिए नामित की गई हाइट्स कंपनी को 2% कंसल्टेंसी फीस भी विभाग के द्वारा दी गई। साथ ही टेंडर की 50% की धनराशि एडवांस में देने का भी शासनादेश पास कर दिया गया।
अब आपको समझाते हैं कि नियमो को कैसे दरकिनार किया गया – उत्तर प्रदेश शासन के जीओ संख्या 2/2023/बी-1-227/दस-2023-231/2023 में साफ कहा गया है कि 200 करोड़ से ज्यादा की खरीद-फरोख्त के लिए मंत्री परिषद के अनुमोदन लेना होता है। लेकिन हाइट्स को दिए गए ठेके में इस नियम को साफ तौर पर दरकिनार कर दिया गया।
इसके अलावा नियमों को दरकिनार करते हुए, 50% राशि एडवांस दी गई। वहीं उत्तर प्रदेश सरकार का शासनादेश कहता है कि अगर निर्माण कार्य की लागत 10 करोड़ से ज्यादा है तो धनराशि चार किस्तों में अवमुक्त की जाये। जिसमें पहली 3 किस्त 25-25% होंगी। चौथी किस्त 20% होगी। धनराशि काम की जरूरत को देखते हुए जारी की जाएगी। पहली और दूसरी किस्त का 75% उपयोग होने के बाद तीसरी किस्त जारी होगी। तीसरी किस्त का 75% इस्तेमाल होने के बाद अगले 3-3 महीने के लिए आवश्यक धनराशि कोषागार से आहरित करके दी जाए। लेकिन हाइट्स कंपनी को दिए गए काम में लगभग 50% की राशि एडवांस दी गई। इसके साथ ही हाइट्स को 2% कंसल्टेंसी फीस भी चुकाई गई।
इस मामले के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के संज्ञान में आने के बाद इसको लेकर जांच बैठाई जो वित्त विभाग के प्रमुख सचिव दीपक कुमार की अध्यक्षता में हुई है। जिसकी रिपोर्ट भी तैयार कर ली गई है साथ ही भुगतान पर भी रोक लगा दी गई है।
ertertee
India News UP (इंडिया न्यूज़), CM Yogi: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शिक्षा…
India News UP (इंडिया न्यूज़), UP News: उत्तर प्रदेश के महराजगंज जिले में एक चौंकाने…
India News UP (इंडिया न्यूज़), Lucknow Rape Case: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से एक…
India News UP (इंडिया न्यूज़), Allahabad High Court: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कांग्रेस पार्टी के 99…
India News UP (इंडिया न्यूज़), Bahraich News: उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में भेड़ियों का…