India News (इंडिया न्यूज), UP News: सुप्रीम कोर्ट ने एक रेप के मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के उस फैसले पर रोक लगा दी जिसमें कोर्ट ने रेप पीड़िता के कुन्डली की जांच की बात कही थी। दरअसल हाई कोर्ट ने आदेश दिया था कि पीड़िता की कुंडली से इस बात का पता लगाया जाए कि वो मांगलिक है या नहीं। इसके लिए हाईकोर्ट ने 3 हफ्ते का समय भी दिया था। ये मामला इन दिनों सुर्खियां बटोर रहा है। इस मामले की सुनवाई करते हुए अवकाशकालीन बेंच ने शनिवार (3 जून) को हुई विशेष सुनवाई में कहा, “ये जानना जरूरी नहीं कि पीड़िता मंगली है या नहीं। हाई कोर्ट तथ्यों के हिसाब से जमानत पर फैसला ले।”
दरअसल पूरा मामला रेप का है। पीड़िता ने एक व्यक्ति पर आरोप लगाया कि उसने पहले शादी का झांसा देकर रेप किया। फिर शादी करने से इनकार कर दिया। युवक ने कहा कि लड़की मांगलिक नहीं है। इस वजह से शादी कर पाना संभव नहीं है। इस मामले की सुनवाई में 23 मई को इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने आदेश दिया कि लखनऊ विश्वविद्यालय के एस्ट्रोलॉजी विभाग के अध्यक्ष जवाब दायर करें कि क्या लड़की मांगलिक है या नहीं। वहीं कोर्ट ने अगली सुनवाई की तारीख 26 जून की रखी थी।
इस हाईकोर्ट के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई की। आज दोपहर 2 बजे इस प्रकरण में सुनावई की गई। जस्टिस सुधांशु धुलिया और पंकज मिथल की बेंच ने विशेष रुप से इस मामले की सुनवाई के लिए बैठी। वहीं सॉलीसीटर जनरल भी जुड़े। उन्होंने कहा कि ज्योतिष एक विज्ञान है। उसकी रिपोर्ट मामना सही नहीं है। कोर्ट ने कहा कि ज्योतिष का अदालती मामलों से लेना देना नहीं है। कोर्ट को साक्ष्यों को पर रहकर आगे बढ़ना होगा।
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