सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर के तरफ से उत्तर प्रदेश (UP) के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा गया। जिसके बाद से समाजवादी पार्टी और बीएसपी ने ओम प्रकाश राजभर को निशाने पर ले लिया है।
आपको बता दें कि सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर की तरफ से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा है जिसमें उन्होंने लिखा है कि गाजीपुर और बहराइच का नाम बदला जाए।
उन्होंने मांग करते हुए कहा कि “ गाजीपुर का नाम बदलकर विश्वामित्र नगर और बहराइच का नाम बदलकर महाराजा सुहेलदेव राजभर नगर रखा जाए।” सुभासपा प्रमुख की मांग पर बीजेपी के नेताओं का समर्थन मिला है। वहीं समाजवादी पार्टी और बीएसपी ने इन्हें निशाने पर ले लिया है।
इससे पहले भी कई नेताओं ने योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखते हुए कई राज्यों के नाम बदलने की मांग की थी। प्रतापगढ़ से बीजेपी सांसद संगमलाल गुप्ता ने सीएम योगी को पत्र लिखा।
वहीं सांसद ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ-साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपनी मांग रखते हुए पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने लखनऊ का नाम बदलकर लक्ष्मपुर या लक्ष्मण नगर करने की मांग रखी है। जब ओपी राजभर ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा तो सियासी सरगर्मियां तेज हो गई।
जानकारी दें कि गाजीपुर से बीएसपी सांसद अफजाल अंसारी को जैसे ही इस बात की जानकरी मिली इस बात को सुनते ही अफजाल अंसारी भड़क गए। उन्होंने कहा यह गाजीपुर की समस्या है। यहां के नौजवान खेलकूद में रूची रखते हैं।
गाजीपुर को एक स्पोर्टस स्टेडियम क्यों नहीं दिया जा रहा है। जबकि सपा पार्टी के नेता उदयवीर सिंह ने तंज कसते हुए कहा कि न गाजीपुर नया है और न ही ओम प्रकाश राजभर नए हैं, न ही विश्वामित्र जी नए हैं। सवाल ये उठता है कि आप किस समय और किस लिए कोई मांग कर रहें हैं।
सुभासपा प्रमुख की इस मांग को लेकर बीजेपी की तरफ से राजभर का समर्थन करते हुए बीजेपी के सांसद सुब्रत पाठक ने कहा कि ओम प्रकाश राजभर को मेरा साधुवाद है कि उन्होंने गाजीपुर के बारे में कुछ सोचा है। वहीं कहा कि गुलामी की प्रतीकों को खत्म करने का समय आ गया है।
इसके अलावा सरकार के तरफ से कहा गया है कि इन पत्रों पर गौर किया जाएगा। दूसरी तरफ डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने बताया कि यह सर्वविदित है कि पहले लखनऊ ‘लक्ष्मण नगरी’ थी। अब जैसी स्थिति होगी हम वैसा ही करेगें।
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