India News Bihar (इंडिया न्यूज), UP Politics: रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी ने प्रदेश सरकार द्वारा कावड़ यात्रा मार्ग पर दुकानों और ढाबों के संचालकों के नाम लिखने के फैसले को गलत करार दिया है। जयंत चौधरी ने कहा कि यह निर्णय बिना सोच-समझ के लिया गया है और इसे तत्काल वापस लिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस फैसले से उन लोगों को परेशानी हो सकती है जो बिना जाति-धर्म पूछे कांवड़ियों की सेवा में जुटते हैं।
जयंत चौधरी रविवार को भोपा क्षेत्र के गांव यूसुफपुर में एक बलिदानी की प्रतिमा का अनावरण करने पहुंचे थे। इससे पहले, मुजफ्फरनगर में मेरठ रोड पर स्थित सॉलिटेयर इन होटल में रालोद कार्यकर्ताओं द्वारा उनका जोरदार स्वागत किया गया। मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने स्पष्ट किया कि कावड़ यात्रा में लाखों श्रद्धालु गंगाजल लेकर आते हैं और उनकी सेवा करने वाले लोग कभी यह नहीं पूछते कि उनकी जाति या धर्म क्या है।
उन्होंने कहा कि दुकानों के बाहर संचालक का नाम लिखने का फैसला अव्यवहारिक है। जयंत चौधरी ने उदाहरण देते हुए पूछा कि बड़े ब्रांड जैसे मैकडॉनल्ड्स और बर्गर किंग पर क्या लिखा जाएगा? उन्होंने यह भी कहा कि क्या अब कुर्ते पर भी नाम लिखवाना पड़ेगा? यह सवाल उठाते हुए उन्होंने सरकार के इस निर्णय की आलोचना की।
जयंत चौधरी ने कहा कि सरकार ने यह फैसला जल्दबाजी में लिया है और अब वह उसी पर अड़ी हुई है। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस मुद्दे पर रालोद का स्टैंड शुरुआत से ही स्पष्ट है और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ने भी इस पर अपनी राय स्पष्ट कर दी है, जो कि पार्टी की सामूहिक राय है।
जयंत चौधरी ने कहा कि कावड़ यात्रा के दौरान लाखों लोग बिना किसी भेदभाव के सेवा में लगे रहते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को इस फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए और इसे वापस लेना चाहिए। जयंत चौधरी ने अंत में यह भी कहा कि सेवा करने वालों के लिए यह महत्वपूर्ण नहीं होता कि सेवा लेने वाले की जाति या धर्म क्या है, और यह फैसला उनकी भावना के खिलाफ है।