India News (इंडिया न्यूज), UP Politics: कल देर रात रिजर्व बैंक (RBI) ने आदेश जारी किया कि दो हजार (2000) के नोट वैद्य नहीं होंगे। वहीं 30 सितंबर तक वो मान्य रहेंगे। हालांकि जिसके पास भी दो हजार के नोट हैं वो आसानी से बैंक में इसे बदलवा पाएंगे। एक तरफ आरबीआई ने फैसला लिया तो दूसरी ओर इस फैसले पर सियासत भी तेज हो गई है। इस कड़ी में प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव मौर्य ने इसे एक उपलब्धि बताया है। तो वहीं इस पर विपक्ष ने प्रहार करना शुरू कर दिया है। डिप्टी सीएम के ट्वीट पर सपा नेता आईपी सिंह ने जवाब दिया है और कारण बता दिया कि इसी वजह से ही सीएम योगी ने आपसे PWD विभाग छीन लिया था।
प्रदेश के डिप्टी सीएम ने आरबीआई के फैसले का स्वागत करते हुए ट्वीट किया। उन्होंने लिखा कि “नोट बंदी की घोषणा के बाद अब रिज़र्व बैंक ने 2000 रूपये के नोट वैध बनाए रखते हुए 2000 के नोट वापसी व नये नोट नहीं छापने से काले धन वाले घबड़ायेंगे,प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के भ्रष्टाचार मुक्त भारत बनाने को बड़े और कड़े कदम उठाने का स्वागत करता हूँ।”
इस फैसले को सपा ने गलत बताया है। वहीं सपा नेता आईपी सिंह ने केशव मौर्य के ट्वीट पर जवाब देते हुए कहा कि “क्या विडम्बना है? हर काम में 6 % कमीशन लेने वाला भ्र्ष्टाचार और कालेधन की बात करता है? आकंठ भ्र्ष्टाचार में डूबने के कारण सीएम आदित्यनाथ ने PWD मंत्रालय छीन लिया था, 18 कामधेनु ग्रुप ऑफ कंपनी के मालिक बन गए देशभर में निवेश किया। वह व्यक्ति भ्र्ष्टाचार मुक्त होने की बातें करता है?”
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