UP POLITICS :(SP leader Swami Prasad Maurya is not even listening to SP chief): समाजवादी पार्टी एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य की बेलगाम बयानबाजी रुकने का नाम नहीं लें रही है। स्वामी प्रसाद ने पहले रामचरितमानस पर विवादित बयान दिया था। जिसके बाद मौर्य ने लखनऊ स्थित लेटे हुए हनुमान मंदिर में जाने से मना किया था। अब मौर्य ने एक बार फिर विवादित बयान दिया है। जिसके बाद अटकलें शुरू हो गई है कि क्या एमएलसी अब अखिलेश यादव की बात भी नहीं सुन रहे हैं।
बुधवार को एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक बार फिर विवादित बयान दिया है। मौर्य ने ब्राह्मण समाज पर सवाल उठाते हुए कहा, “जो लोग मेरी टिप्पणी का विरोध कर रहे हैं वो पंडित-पुजारी लोग हैं। क्योंकि उन्हें डर है कि अगर मंदिरों में पूजा नहीं होगी तो हमारा धंधा बंद हो जाएगा। उन्हें इस बात का डर है की सभी पिछ़़डे वर्ग की महिलाएं मंदिर में आना बंद कर देंगी तो चढ़ावा बंद हो जाएगा। जिससे उनका रोजगार बंद हो जायेगा। मौर्य ने आगे कहा कि इसलिए वह पागलों की तरह भौंक रहे है।”
इससे पहले सपा नेता ने लखनऊ के लेटे हुए हनुमान मंदिर में लगे पोस्टर पर कहा कि “लखनऊ, पकापुल के पास लेटे हुए हनुमान मंदिर में पुजारियों द्वारा प्रतिबंध हास्यास्पद है, अपने पूरे जीवन में इस मंदिर में न कभी गया था न कभी जाऊंगा। आगे कहा कि जहां भेदभाव हो वहां जाने की जरूरत क्यों।” दरअसल, लखनऊ के लेटे हनुमान मंदिर के बाहर स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ पोस्टर लगाए गए थे। इन पोस्टरों पर स्वामी प्रसाद मौर्य की तस्वीर लगी था और उसे लाल रंग से क्रॉस किया गया था। इस पोस्टर पर लिखा था अधर्मी स्वामी प्रसाद मौर्य का इस हनुमान मंदिर में आना मना है।
हालांकि मौर्या का रामचरितमानस पर सबसे पहला विवादित बयान दिया था। तब मौर्या ने कहा था कि “रामचरितमानस की कुछ पंक्तियों में जाति, वर्ण और वर्ग के आधार पर यदि समाज के किसी वर्ग का अपमान हुआ है तो वह निश्चित रूप से धर्म नहीं ‘अधर्म’ है, जो न केवल बीजेपी बल्कि संतों को भी हमले के लिए आमंत्रित कर रहा है।” मौर्या ने कहा कि रामचरित मानस की कुछ पंक्तियों में तेली और ‘कुम्हार’ जैसी जातियों के नामों का उल्लेख है जो इन जातियों के लाखों लोगों की भावनाओं को आहत करती हैं।” मौर्या ने सभी को मंदिर जाने से पाबंदी लगाने को कहा। इससे पहले अखिलेश यादव ने रामचरितमानस पर हो रहे विवाद पर कहा था कि सब गलत बात है। मौर्या के इस वयान के बाद सपा के नेताओं में इस बात पर चर्चा हो रही है कि स्वामी प्रसाद मौर्य, अखिलेश यादव की भी नहीं सुन रहे हैं।