India News (इंडिया न्यूज़), UP Politics: योगी सरकार उत्तर प्रदेश में दीनी तालीम के साथ-साथ मदरसों में छात्रों को तकनीकी ज्ञान देने पर ध्यान दे रही है। साथ ही मदरसों में ज्यादातर गरीब-मुसलमानों के बच्चे पढ़ते हैं ऐसे में वह भी डाक्टर इंजीनियर वैज्ञानिक व आइएएस आदि बनें इसके लिए पाठ्यक्रम में जरूरी बदलाव किया जाएगा। जिसको लेकर हाल ही में अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री धर्मपाल सिंह ने एक बयान दिया है। जिसमे उन्होंने कहा कि लोग गरीब मुसलमानों के बच्चों को आगे नहीं बढ़ने देना चाहते।
उत्तर प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री धर्मपाल सिंह कहते हैं, ”कि हमने मदरसों को धार्मिक शिक्षा के साथ-साथ मुख्यधारा से जोड़ने के लिए उनके पाठ्यक्रम में कुछ बदलाव किए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार कहा था कि वह यहां के बच्चों को देखना चाहते हैं गरीब मुसलमानों के एक हाथ में कुरान और दूसरे हाथ में लैपटॉप है। योगी सरकार इसे लागू करने की कोशिश कर रही है, इसलिए हमने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर काम किया है। आज पहली बार मदरसा शिक्षा को बुनियादी शिक्षा के साथ जोड़ा जा रहा है। “हम मदरसे के छात्रों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का ज्ञान देंगे। उन्हें मुख्यधारा से जोड़कर इंजीनियर, वैज्ञानिक, आईएएस और अन्य बनाने का काम करेंगे।”
#WATCH | Moradabad, UP: On Madrasa education, Samajwadi Party MP ST Hasan says, "The minister remembered about the Madrasas after 9 years. The teachers in Madrasas have not been given salaries for the last 4 years. The centre has not given its contribution and their salary is… https://t.co/Rve4XMj2hd pic.twitter.com/deC5s6xpFo
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) October 5, 2023
मदरसा शिक्षा पर समाजवादी पार्टी के सांसद एसटी हसन का कहना है, ”9 साल बाद मंत्री को मदरसों की याद आई। मदरसों में शिक्षकों को पिछले 4 साल से वेतन नहीं दिया गया है। केंद्र ने अपना योगदान और अपना योगदान नहीं दिया है” वेतन सिर्फ 8,000 से 12,000 रुपये के बीच है। वे लाखों बच्चों को पढ़ा रहे हैं। हमें आधुनिक शिक्षण से कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन उस शिक्षा में इधर-उधर की कोई बात नहीं होनी चाहिए। विज्ञान, गणित, वनस्पति विज्ञान आदि ., यहाँ-वहाँ से ‘अगर-मगर’ नहीं होना चाहिए। ”
Also Read: बरेली एयरपोर्ट पर VIP एंट्री नहीं मिलने पर आग बबूला हुई अभिनेत्री, वीडियो वायरल