India News (इंडिया न्यूज़), Chandramani Shukla, UP Politics: Lucknow! घोसी विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में मिली जीत से समाजवादी पार्टी में अब एक नया उत्साह देखा जा रहा है। समाजवादी पार्टी यह चाहती है कि घोसी उपचुनाव की जीत से कार्यकर्ताओं में जो जोश जगा है उसे कम न होने दिया जाए। इसे लोकसभा चुनाव तक कायम रखने के लिए पार्टी की ओर से प्रशिक्षण शिविर भी आयोजित किये जा रहे हैं। जिसमें पार्टी का अगला लोग जागरण अभियान प्रशिक्षण शिविर 5 से 6 अक्टूबर को प्रतापगढ़ में आयोजित किया जाएगा।
इस शिविर को इसलिए भी अहम माना जा रहा है क्योंकि प्रतापगढ़ जनसत्ता दल के अध्यक्ष और कुंडा के विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भइया के प्रभाव वाला क्षेत्र माना जाता है। वहीं 2022 में उनके खिलाफ चुनाव लड़े सपा प्रत्याशी गुलशन यादव की गिरफ्तारी के बाद यहां राजनीतिक माहौल भी कुछ बदला है।
समाजवादी पार्टी में अखिलेश यादव के चाचा और वर्तमान में पार्टी महासचिव शिवपाल यादव की मुख्य भूमिका में वापसी के बाद लगातार प्रशिक्षण शिविर आयोजित किये जा रहे हैं। जिसकी शुरुआत लखीमपुर खीरी के गोला गोकरणनाथ से हुई। इसके बाद यह प्रशिक्षण शिविर सीतापुर के नैमिषारण्य में आयोजित करके जहां सॉफ्ट हिंदुत्व को टारगेट किया गया तो उसके बाद प्रशिक्षण शिविर बुंदेलखंड में आयोजित किए गए। जिसमें पहले बांदा चित्रकूट में सम्मेलन हुआ उसके बाद फतेहपुर में प्रशिक्षण शिविर आयोजित करके समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं में जोश भरने को कम किया गया। उसके बाद फिरोजाबाद में प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया गया। जहां पर सैफई परिवार की एक बार फिर एक जुटता देखने को मिली। 2019 के लोकसभा चुनाव में अपने भतीजे अक्षय यादव के खिलाफ चुनाव लड़े शिवपाल सिंह यादव ने खुद उनको जीतने का मोर्चा संभालने का जनता के सामने वादा किया।
वहीं अब प्रशिक्षण शिविर प्रतापगढ़ में आयोजित किया जाने वाला है। जहां एक बार फिर सपा मुखिया अखिलेश यादव के साथ शिवपाल सिंह यादव, नरेश उत्तम पटेल, इंद्रजीत सरोज समेत कई चेहरे एक साथ नजर आएंगे। इस प्रशिक्षण शिविर का उद्देश्य यह है कि पार्टी से जुड़े कार्यकर्ताओं से सीधे फीडबैक लिया जाए साथ ही उनसे संवाद करके एक नई योजना तैयार की जाए। वहीं प्रतापगढ़ में प्रशिक्षण शिविर आयोजित करने का एक कारण यह भी है कि राजा भइया के खिलाफ 2022 में चुनाव लड़े सपा प्रत्याशी गुलशन यादव को अभी हाल में ही आपराधिक मुकदमे में गिरफ्तार किया गया है। इस माहौल में पार्टी उनकी गिरफ्तारी का मुद्दा बनाकर पार्टी कार्यकर्ताओं को एकजुट करने के साथ ही सहानुभूति भी हासिल करने की कोशिश करेगी।
समाजवादी पार्टी की ओर से जिन इलाकों में प्रशिक्षण शिविर आयोजित किए जा रहे हैं। वहां ऐसा देखा गया है कि समाजवादी पार्टी बीते कुछ चुनावों में बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पा रही है। 2022 के विधानसभा चुनाव में लखीमपुर खीरी में समाजवादी पार्टी को एक भी सीट नहीं मिली थी तो सीतापुर में सिर्फ एक सीट से संतोष करना पड़ा था। वहीं बुंदेलखंड के इलाके में भी समाजवादी पार्टी कुछ खास नहीं कर पाई थी। इसके अलावा अब जब प्रतापगढ़ में सम्मेलन आयोजित करने की बात कही जा रही है तो वहां भी समाजवादी पार्टी बीते विधानसभा चुनाव में अपनी छाप नहीं छोड़ पाई थी। यही कारण था कि जिले की सात विधानसभा सीटों में सिर्फ एक सपा के पास है।
प्रतापगढ़ की 7 विधानसभा सीटों में से पांच सीटें प्रतापगढ़ लोकसभा क्षेत्र में आती हैं जबकि दो सीटें कौशांबी लोकसभा क्षेत्र में आती हैं। कौशांबी सीट पर 2019 के चुनाव में सपा करीब 38000 वोटो से हारी थी। वहीं प्रतापगढ़ लोकसभा सीट पर पिछली बार सपा बसपा गठबंधन की वजह से बसपा का उम्मीदवार चुनाव लड़ा था। जहां उसकी बड़ी हार हुई थी। अब जब बसपा अलग हो गई है तब समाजवादी पार्टी को इंडिया गठबंधन के सहारे कौशांबी सीट और प्रतापगढ़ की सीट पर रणनीतिक तौर से कैसे मजबूत किया जाए उसको लेकर प्रशिक्षण शिविर में मंथन किया जाएगा। इस प्रशिक्षण शिविर का मुख्य उद्देश्य लोकसभा की इन दो सीटों पर अपने अनुकूल समीकरण बनाकर भारतीय जनता पार्टी गठबंधन को टक्कर देने के साथ राजा भइया के प्रभाव को चुनौती देने का है।