फरमान अब्बास मंजुल की रिपोर्ट
इंडिया न्यूज यूपी/यूके, लखनऊ: महंगाई का असर इस बार दशहरा में भी देखने को मिल रहा है। रावण कुंभकरण व मेघनाथ के पुतलों पर महंगाई की मार साफतौर पर देखी जा सकती है। बांस से लेकर फैंसी पेपर और पटाखों से लेकर कारीगरों का मेहनताना बढ़ने के से लखनऊ में इन पुतलों का कद छोटा हो गया है। बांस, कागज और रस्सी के दाम बढ़े तो इसका असर रावण की ऊंचाई पर पड़ा। महंगाई ने यूपी की राजधानी लखनऊ के ऐशबाग में शहर के सबसे ऊंचे रावण का कद घटा दिया है। जहां 121 फीट ऊंचा रावण इस बार 100 फीट का होगा।
रामलीला में होगा शहर का सबसे ऊंचा रावण
हालांकि बावजूद इसके यह शहर का सबसे ऊंचा रावण होगा। इसके अलावा लखनऊ की ही हिन्द नगर एलडीए कालोनी में भी रावण का पुतला 50 फीट से 35 फीट हो गया है। रामलीला समिति के महामंत्री आलोक शुक्ला ने बताया कि महंगाई की वजह से पुतला 35 फीट कर दिया गया है।
रावण के साथ घटा मेघनाथ के पुतले का कद
रावण के साथ ही मेघनाद के पुतले का क़द भी घट गया है, वो अब महज़ 30 फीट का होगा। रामलीला कमेटी के संचालकों का कहना है कि महंगाई का असर आयोजन से लेकर पुतलों तक है भले ही पुतलों का कद कम हो गया हो लेकिन फिर भी भारतीय संस्कृति को ज़िंदा रखने की कोशिश जारी रहेगी।
जीएसटी के चलते रावण के पुतलों की कीमतों में उछाल
अब बहुत खर्च आता है लेकिन लोग साथ देते हैं सबके मन में धर्म जीवित हैं हम संस्कृत बचाने का काम कर रहे हैं संस्कृति की रक्षा के लिए लोग आगे आ रहे हैं कि देश की संस्कृति बची रहे। जीएसटी के चलते इस बार बाजार में रावण के रेडीमेड पुतले की कीमतों में भी उछाल आया है। बांस के साथ ही सजावट का सामान भी महंगा हो गया ।
बांस हुआ महंगा
पिछले साल 25 फीट का जो बांस 240 रुपये में था वह इस बार 330 रुपये में हो गया है। इसके अलावा बांस की लंबाई भी 25 फीट से घटकर 22 फीट कर दी गई है। बहरहाल महंगाई ने भले ही पुतलों के क़द में कमी कर दी हो लेकिन पुतला दहन की परंपरा और सांस्कृतिक विरासत को निभाने के जज़्बे में कोई कमी नज़र नहीं आ रही।