होम / UTTARPRADESH ELECTION : तीसरे चरण में दिग्गजों की लगी प्रतिष्ठा दांव पर

UTTARPRADESH ELECTION : तीसरे चरण में दिग्गजों की लगी प्रतिष्ठा दांव पर

• LAST UPDATED : February 19, 2022

RAHUL PANDEY

LUCKNOW

तीसरे चरण में दिग्गजों के कद-प्रतिष्ठा का भी इम्तिहान है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, शिवपाल सिंह यादव, आईपीएस अफसर से राजनीतिज्ञ बने असीम अरुण, सांसद एवं केंद्रीय मंत्री एसपी बघेल जैसे चेहरे मुकाबले में हैं। पश्चिम में कांटे की लड़ाई के बाद इस चरण से चलने वाली बयार से आगे के चरण भी प्रभावित होंगे। बहरहाल, सभी दल एड़ी-चोटी का जोर लगाए हुए हैं। इस चरण में मध्य यूपी की 46 और बुंदेलखंड की 13 सीटों में से भाजपा को 49, सपा को 8 और कांग्रेस व बसपा को एक-एक सीट मिली थी। 35 सीटें ऐसी थीं जहां सपा दूसरे स्थान पर रही थी।

इटावा : गढ़ बचाए रखने की चुनौती

जिले की तीन सीटों में से दो पर भाजपा का कब्जा है। जसवंतनगर सीट पर मैदान में शिवपाल सिंह यादव के सामने भाजपा ने विवेक शाक्य और बसपा ने बृजेंद्र प्रताप सिंह को उतारा है। फिलहाल शिवपाल यहां इत्मीनान में दिख रहे हैं। पर, इटावा सदर पर माहौल दूसरा है। इटावा बाईपास निवासी अजय सिंह कहते हैं, भाजपा विधायक सरिता भदौरिया और सपा के सर्वेश शाक्य के बीच मुकाबला है। बसपा के कुलदीप गुप्ता संटू मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने में जुटे हैं। वे सपा के लिए चुनौती खड़ी करते दिख रहे हैं। भरथना में लड़ाई अलग है। भाजपा ने विधायक सावित्री कठेरिया का टिकट काट कर डॉ. सिद्धार्थ शंकर को उतारा है। सपा ने कभी बसपा के कद्दावर नेता माने जाने वाले राघवेंद्र गौतम पर दांव लगाया है। राघवेंद्र बसपा के वोटबैंक में सेंध लगाने की कोशिश में हैं।

मैनपुरी : चारों सीटों पर घमासान

मैनपुरी जिले की भोगांव को छोड़कर अन्य तीनों सीटों पर सपा का कब्जा है।  बहरहाल, सबकी निगाहें करहल पर टिकी हैं। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और भाजपा सांसद एसपी बघेल के बीच घमासान से यह सीट हॉट बनी हुई है। मैनपुरी सीट पर सपा विधायक राजकुमार यादव और भाजपा के जयवीर सिंह की कांटे की लड़ाई के बीच बसपा के गौरवनंद सविता तीसरा कोण बनाते दिख रहे हैं। भोगांव में भाजपा विधायक रामनरेश अग्निहोत्री और सपा के आलोक शाक्य में रोचक मुकाबला है तो किशनी सीट पर सपा विधायक ब्रजेश कठेरिया, भाजपा के प्रियरंजन आशु दिवाकर और बसपा के प्रभुदयाल जाटव के बीच त्रिकोणीय संघर्ष है। भोगांव कस्बे के रामजतन कहते हैं कि चारों सीटों पर जिस तरह मुकाबला चल रहा है, परिणाम कुछ भी हो सकता है।

कन्नौज : किस दल की बिखरेगी सुगंध

कन्नौज की तीन सीटों में कन्नौज सपा के, तो अन्य दो भाजपा के पास हैं। करीब एक लाख दलित आबादी वाली कन्नौज सदर सीट पर कांटे का मुकाबला है। सपा विधायक अनिल दोहरे को भाजपा से उतरे पूर्व आईपीएस अफसर असीम अरुण से कड़ी चुनौती मिल रही है। वहीं, तिर्वा में जातीय समीकरण सबका इम्तिहान लेता दिख रहा है। भाजपा ने विधायक कैलाश राजपूत पर दांव लगाया है, तो सपा से उतरे अनिल पाल की पत्नी पूजा राजपूत बिरादरी से हैं। वे मायके का हवाला देकर राजपूत बिरादरी को साधने की कोशिश में हैं। तिर्वा क्रॉसिंग पर मिले सुरेश राजपूत कहते हैं, हमारी बिरादरी असमंजस में फंस गई है। राकेश तिवारी कहते हैं कि ब्राह्मणों के साथ लोधियों का वोट भाजपा को ही मिलता रहा है। साफ है कि मतदाता बंटे हुए हैं। छिबरामऊ में अर्चना पांडेय और अरविंद यादव में सीधी टक्कर है। हालांकि, बसपा ने वहीदा बानों को मैदान में उतार पर मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने का प्रयास किया है। छिबरामऊ के दानिश कहते हैं, लड़ाई सपा और भाजपा में ही है। क्योंकि, मुस्लिम वोटर पूरी तरह से एकजुट है। सतौरा बाजार निवासी शंकर लोधी और रमेश पांडेय कहते हैं कि सपा की सरकार बनते ही कन्नौज में यादव बिरादरी का वर्चस्व हो जाता है। पिछडे़ वर्ग की अन्य जातियों को यह वर्चस्व पसंद नहीं है।

औरैया में रिश्तों का भी इम्तिहान

औरैया की तीनों सीटों पर भाजपा का कब्जा है। बिधूना में सबसे रोचक सियासी जंग है। यहां रिश्तों की परीक्षा भी है। भाजपा से नाता तोड़कर सपा में जाने वाले विनय शाक्य की बेटी रिया शाक्य भाजपा के टिकट पर ही मैदान में हैं, तो सपा ने पूर्व विधानसभा अध्यक्ष धनीराम वर्मा की बहू रेखा वर्मा को मैदान में उतार दिया। दिबियापुर से भाजपा ने राज्यमंत्री लाखन सिंह राजपूत को सपा के पूर्व सांसद प्रदीप यादव से कड़ी टक्कर मिल रही है। इंद्रानगर में चाय की दुकान पर मिले पंकज गुप्ता, रितेश सिंह का कहना है कि लोध और क्षत्रिय वोट तो भाजपा के साथ है, लेकिन पिछड़े वर्ग की अन्य जातियां सपा के पक्ष में लामबंद होती दिख रही हैं। इसका फायदा सपा को मिलता दिख रहा है। औरैया सदर में त्रिकोणीय मुकाबला है।

कानपुर में कौन बनेगा सिकंदर

कानपुर शहर और देहात की 14 सीटों में अभी 11 भाजपा, दो सपा और एक कांग्रेस के पास है। शहरी क्षेत्र में कल्याणपुर, सीसामऊ, गोविंदनगर, किदवई नगर और आर्यनगर में कांग्रेस, सपा और भाजपा के बीच कांटे की टक्कर है।

कैंट में भाजपा के रघुनंदन भदौरिया इस बात को लेकर इत्मीनान में हैं कि यहां कांग्रेस विधायक सुहेल अख्तर अंसारी के साथ सपा के मोहम्मद हसन रूमी और बसपा के मोहम्मद शफी खान मुस्लिम वोटों का बंटवारा करेंगे। रसूलाबाद और अकबरपुर रनिया, सिकंदरपुर में त्रिकोणीय मुकाबला है। घाटमपुर में भी मुकाबला दिलचस्प और रोमांचक है।

भोगनीपुर में पूर्व सांसद राकेश सचान भाजपा के टिकट पर मैदान में उतरे हैं, तो यहां सपा ने नरेंद्र पाल को उतारा है। ऐसे में बसपा ने जुनैद खान को उतार कर कांटे का संघर्ष की पृष्ठभूमि बना दी है।

बिल्हौर का चुनाव कई मायने में अहम है। यहां भाजपा ने बच्चा काला के बेटे मोहित सोनकर को मैदान में उतारा है। बच्चा काला को हराकर 1993 में विधायक बनने वाले शिवकुमार बेरिया भी अब भाजपा में हैं। पिछले चुनाव में यहां से भगवती सागर भाजपा से जीते थे, अब वे सपा में शामिल होने के बाद घाटमपुर से उम्मीदवार हैं। बिल्हौर में सपा से रचना सिंह हैं, तो बसपा से मधु सिंह। बिल्हौर के कुर्मी बहुल गांव बकोठी के नीरज कहते हैं कि उनके क्षेत्र में कटियार बिरादरी भाजपा के साथ है ।

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

ADVERTISEMENT
mail logo

Subscribe to receive the day's headlines from India News straight in your inbox