Valentine’s Day Special: (Unheard love story of Union Minister of State SP Singh) केंद्रीय मंत्री ने वैलेंटाइन डे पर एक संदेश भी दिया है। कहा कि प्यार करना कोई गलत बात नहीं है। मगर, प्यार करें तो कोशिश करें की उसे शादी में तब्दील करें। बहुत कम लोगों को पता होगा कि आगरा के सांसद, केंद्रीय राज्य मंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल ने प्रेम विवाह किया है। 37 साल पहले एसपी सिंह बघेल की लव स्टोरी मेरठ के सरधना कस्बे से शुरू हुई थी।
लव स्टोरी किसकी नहीं होती भई। बेशक वो आम आदमी हो या कोई सेलेब्रटी। आजकल सबकी ही प्रेम कहानी होती हैं। अब अब सोच रहें होंगे कि क्या नेताओं की भी प्रेम कहानी होती हैं होगी? जी बिलकुल, नेताओं की भी प्रेम कहानी होती हैं। बहुत कम लोगों को पता होगा कि आगरा के सांसद, केंद्रीय राज्य मंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल ने प्रेम विवाह किया है। 37 साल पहले एसपी सिंह बघेल की लव स्टोरी मेरठ के सरधना कस्बे से शुरू हुई थी। वैलेंटाइन डे पर केंद्रीय राज्यमंत्री से उनकी लव स्टोरी के बारे में खुद बताया हैं।
प्रो. एसपी सिंह बघेल ने बताया हैं ‘ये कि बात 1985 की है। उन दिनों मैं यूपी पुलिस में सब इंस्पेक्टर था। मेरी पोस्टिंग मेरठ शहर की सरधना तहसील में हुई थी। जब मेरी वर्किंग ऐसी थी कि मुझे क्षेत्र के ज्यादातर लोग जानते थे। तत्कालीन मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी का महावीर जयंती पर मेरठ में कार्यक्रम था।
उस कार्यक्रम में जैन कॉलेज मेरठ के स्कूली बच्चे भी आए थे। उनके साथ एक शिक्षिका भी थीं, उनका नाम मधु पुरी था। हालांकि तब उनका नाम नहीं पता था। जब पहली बार उन्हें देखा तो उनकी सादगी बहुत पसंद आई। हमने बात नहीं कि लेकिन हमारी नजरों ने सब कुछ बयां कर दिया था।
file photo
बस यहीं से मेरी प्रेम कहानी की शुरुआत हुई। किसी ने सही कहा हैं प्यार किया नहीं जाता हो जाता है, बस ऐसा ही कुछ मेरे साथ हुआ था। वहीं, दूसरी और केंद्रीय मंत्री की पत्नी मधु बघेल को उस समय उनका दरोगा वाला राउडी अंदाज पसंद आया था। और फिर आंखों ही आंखों में इकरार होने के बाद धीरे-धीरे मिलना- जुलना शुरू हुआ। 6 महीने बाद ही हमने तय कर लिया कि शादी करेंगे। मगर, मन में एक बात चल रही थी कि जाति को लेकर घरवालों आपत्ति कर सकते हैं, लेकिन मैंने तय कर लिया था। मैं पुलिस में था तो काफी रिश्ते भी आते थे। लेकिन घर वाले जब शादी के लिए बोलते थे तो मैं टाल देता था।
ऐसे करते करते लंबा समय निकाल दिया। कई रिश्तों के मना करने पर जब घरवालों ने कारण पूछा तो साफ-साफ बता दिया कि मैं किसी से प्यार करता हूं। लड़की मेरठ की है, पंजाबी परिवार से है और हम शादी करेंगे। इसके बाद पिताजी थोड़ा नाराज हुए, लेकिन बाद में सभी घरवाले तैयार हो गए। वहीं, पत्नी के परिवार में किसी को कोई परेशानी नहीं हुई थी।
आगे बढ़ते हुए केंद्रीय राज्य मंत्री ने बताया, हम दोनों ने शादी करने की सोच ली थी, लेकिन शादी के बीच में एक परेशानी ये आ रही थी कि मेरे बड़े भाई की उस समय शादी नहीं हुई थी। इसके लिए मैंने बड़े भाई की शादी के बाद ही अपनी शादी करने की बात कही थी। इस निर्णय में मधु का साथ मिला। फिर 5 साल बाद 30 नवंबर 1989 को हमारी शादी हुई। उनके खानदान में ये पहली लव मैरिज थी। उनकी बारात में 400 लोग शामिल हुए थे।
शादी से पहले मैं और परिवार नॉनवेज खाता था। मगर, पत्नी राधास्वामी मत से जुड़ी हैं। वो पूरी तरह से शाकाहारी हैं। ऐसे में शादी के बाद मधु जब घर आईं तो पूरे परिवार ने उनके लिए नॉनवेज खाना छोड़ दिया। ये अपने आप में बहुत बड़ी बात थी। जो सालों से नॉनवेज खा रहा हो, उनके लिए ये इतना आसान नहीं था। मगर, परिवार ने ये निर्णय लिया था।
5 साल की लव स्टोरी में मिलना काफी कम होता था। मैं अपने प्यार को एक बार ही बुलेट पर बैठाकर 200 मीटर दूर तक ले गया था। उस 200 मीटर की दूरी में ही 50 लोगों ने उन्हें रास्ते में नमस्ते कर दी थी। ऐसे में उन्हें लगा कि आगे कोई परेशानी न हो, इसके लिए मिलना- जुलना बंद कर दिया। हालांकि उस जमाने में परिवार वाले घर से निकलने पर पूछते थे। न ही बात करने का कोई साधन था। इसलिए चिटि्ठयां लिखा करते थे। इन 5 साल में केवल एक बार ही मेरठ में सिनेमा देखने गया था। वो भी करीब 20 लोगों के साथ। इसमें उनके दोस्त थे तो उनकी पत्नी की सहेलियां भी थीं। दोनों ने कभी अकेले मुलाकात ही नहीं की।
केंद्रीय मंत्री ने वैलेंटाइन डे पर एक संदेश भी दिया है। कहा कि प्यार करना कोई गलत बात नहीं है। मगर, प्यार करें तो कोशिश करें की उसे शादी में तब्दील करें। अगर किसी कारणवश शादी नहीं कर पा रहे हैं तो बहुत ईमानदारी से एक-दूसरे से बात कर अलग हों, जिससे कभी एक-दूसरे से मिले तो नजर न चुरानी पड़े। अगर, माता-पिता नहीं मानते हैं तो उनसे कनवेंस करने की कोशिश जरूर करें।