इंडिया न्यूज, लखनऊ:
Samajwadi Party के संस्थापक सदस्य और Rampur में कई दशक से सपा का झंड़ा बुलंद करने वाले Azam Khan भी बगावत की राह पर तो नहीं चल पड़े हैं। इस बात की चर्चा पर वजन तब और ज्यादा हो रहा है जब उनके समर्थकोें ने अखिलेश यादव के खिलाफ तीखे तेवर दिखाएं हैं। ऐसे में यूपी की राजनीति में यह चर्चा तेजी से चल रही है कि आजम खां पार्टी छोड़ कर नई राह अपना सकते हैं।
रामपुर में समाजवादी पार्टी की बैठक रविवार को हुई। इस बैठक में Azam Khan को लेकर उनके समर्थकों ने गहरी चिंता जताई। दिलचस्त बात यह है कि बैठक में मुखयमंत्री योगी आदित्यनाथ की सराहना की गई। सीएम योगी आदित्यनाथ के उस बयान को काफी सराहा गया, जिसमें उन्होंने कहा था कि समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ही नहीं चाहते कि दो वर्ष से जेल में बंद आजम खां वहां से बाहर निकलें। आजम खां के समर्थकों के कदम से तो लगता है कि शिवपाल सिंह यादव के बाद आजम खां अब अखिलेश यादव को तगड़ा झटका दे सकते हैं।
समाजवादी पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से एक आजम खां के समथकों के तेवर अखिलेश यादव के खिलाफ काफी तीखे हैं। यह समर्थक सीतापुर जेल में बंद आजम खां से जाकर बराकर मिलते हैं और माना जा रहा है कि इनके समर्थकों के बयान ही आजम खां के बयान हैं। आजम खां के समर्थक सपा के मुखिया अखिलेश यादव से जबर्दस्त नाराज हैं और उन्होंने अपनी नाराजगी खुलकर जता भी दी है।
आजम खां को समाजवादी पार्टी में काफी मजबूत पकड़ वाला नेता माना जाता है। उनका रामपुर के साथ ही पास के चार-पांच जिलों में बड़ा प्रभाव भी है। रामपुर से रिकार्ड दसवीं बार विधायक बने आजम खां ने इस बार का चुनाव तो जेल में रहकर ही जीत लिया। आजम खां के साथ ही उनके बेटे अब्दुल्लाह आजम खां ने रामपुर की स्वार सीट से चुनाव जीता। आजम खां दो वर्ष से ज्यादा समय से जेल में बंद हैं और अब उनके समर्थकों का मानना है कि सपा मुखिया अखिलेश यादव ही नहीं चाहते कि आजम खां जेल से बाहर आएं।
आजम खां के बेहद करीबी और उनके मीडिया सलाहकार फसाहत खां उर्फ शानू ने रामपुर में हुई पार्टी की बैठक में खुलकर कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सही कहा करते हैं कि अखिलेश यादव खुद नहीं चाहते कि आजम खां जेल से बाहर आएं। आजम खां के बेहद बुरे समय में सपा मुखिया साथ नहीं दे रहे हैं। योगी आदित्यनाथ को बुरे समय में हमेशा अपने करीबी के साथ खड़े रहते हैं। इतना ही नहीं योगी आदित्यनाथ ने तो विधानसभा चुनाव के दौरान अपनी कई सभाओं में कहा था कि अखिलेश खुद आजम खां की रिहाई नहीं चाहते। शानू ने कहा कि लगता है कि सीएम योगी आदित्यनाथ बिल्कुल ठीक कहते हैं।
समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता आजम खां का खेमा पार्टी से नाराज चल रहा है। नाराजगी इस हद तक बढ़ चुकी है कि आजम खां पार्टी छोड़ने पर भी विचार कर सकते हैं। आजम खां के साथ उनके बेटे अब्दुल्ला आजम खां और समाजवादी पार्टी के कई बड़े मुसलमान नेता पार्टी छोड़ देंगे। शानू ने कहा कि आजम खां के लम्बे समय से बाहर ना आने की वजह से हम लोग सियासी रूप से यतीम हो गए हैं। अखिलेश यादव तो हमको पूछ नहीं रहे हैं अब हम कहां जाएंगे।
हमारे नेता मोहम्मद आजम खान ने अपनी जिंदगी सपा को दे दी, लेकिन समाजवादी पार्टी तो अब उनके साथ नहीं है। शानू ने साफ कहा कि पार्टी भले ही हमारे साथ कोई भी एक्शन ले, लेकिन जो सच है वह तो बोलना ही होगा।
आजम खां साहब ने कोरोना वायरस का टीका भी इसी कारण नहीं लगवाया था, क्योंकि अखिलेश यादव जी ने कहा था कि मैं भाजपा का कोरोना का टीका नहीं लगाऊंगा। फसाहत अली ने कहा कि और तो और आप ने सदन में भाषण दिया, हमारा दिल दुखा है। आपने बहुत लोगों की जिंदगी बसाई, आपको आजम खां साहब की याद नहीं आई। आजम खां साहब से ज्यादा सीनियर कौन था। अखिलेश यादव जी सदन मे आपने आजम खां साहब का नाम भी नहीं लिया। आप क्या समझते हैं कि आपने हमारी भारतीय जनता पार्टी से दुश्मनी करा दी है। क्या यह होगा कि सजा सिर्फ हमें मिलेगी मजे सिर्फ आप लेंगे। वक्त सब बताएगा।