India News (इंडिया न्यूज़) Ram Mandir अयोध्या : 22 जनवरी को अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर (Ram Mandir) के अभिषेक की तैयारियां जोरों पर हैं और सभी प्रमुख हस्तियों को निमंत्रण भेजा जा रहा है। इस प्रतिष्ठा समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत देश-दुनिया से कई वीवीआईपी मेहमानों के शामिल होने की उम्मीद है। सरकार इस समारोह को भव्य बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती। भगवान श्री रामलला का गर्भगृह लगभग तैयार हो चुका है। लाइटिंग-फिटिंग का काम भी पूरा हो चुका है।
राम मंदिर (Ram Mandir) में ग्राउंड फ्लोर का काम लगभग पूरा हो चुका है, अब दरवाजे तैयार किए जा रहे हैं। राम मंदिर के भूतल पर 14 खूबसूरत घुमावदार दरवाजे महाराष्ट्र से लाई गई सागौन की लकड़ी से बनाए गए हैं और इन्हें तांबे से लेपित किया जा रहा है जिसके बाद इन्हें सोने से जड़ा जाएगा। इस काम में लगे कर्मचारी हैदराबाद स्थित एक कंपनी के हैं और तमिलनाडु के कन्याकुमारी के रहने वाले हैं।
दरवाजों की खूबसूरती और खासियत सोने से जड़ी और खूबसूरत नक्काशीदार डिजाइन है। दरवाजों को अंतिम रूप देने के लिए इन्हें दिल्ली भेजा गया है, जहां इन पर लेप लगाया जाएगा। इन दरवाजों पर वैभव का प्रतीक गज (हाथी), सुंदर विष्णु कमल, स्वागत मुद्रा में देवी प्रतिमाएँ चित्रित हैं।
चारों दरवाजे एक-दूसरे से अलग डिजाइन के हैं और इन्हें एलएनटी कंपनी ने डिजाइन किया है। गर्भगृह के दरवाजे की ऊंचाई 8 फीट है और दरवाजे की चौड़ाई 12 फीट है और अन्य दरवाजों की ऊंचाई केवल 8 फीट है और दरवाजे की चौड़ाई एक दूसरे से अलग है जो 12 फीट से कम है। जरूरत पड़ने पर दरवाजा आधा बंद या पूरा खोला जा सकता है।
दरअसल, मंदिर का निर्माण उत्तर भारत की नागर शैली पर किया जा रहा है। नागर शैली उत्तर भारतीय हिंदू वास्तुकला की तीन शैलियों में से एक है। वास्तुशास्त्र के अनुसार नागर शैली के मंदिरों की पहचान उसका आधार से शीर्ष तक चतुर्भुज रूप है। खास बात यह है कि नागर शैली के मंदिरों में लोहे और सीमेंट का उपयोग नहीं किया जाता है। भुवनेश्वर में स्थित लिंगराज मंदिर नागर शैली का उत्कृष्ट उदाहरण है।
डिजाइन में मंदिर में प्रवेश के लिए सभी दिशाओं में चार अलग-अलग द्वार बनाए गए हैं। सभी द्वारों पर भारतीय संस्कृति की झांकियां भी मिलेंगी। इसके अलावा मंदिर में एक प्रदर्शनी, ध्यान कक्ष, धर्मशाला, अनुसंधान केंद्र, कर्मचारियों के लिए आवास, भगवान राम पर शोध और साहित्य के लिए पुस्तकालय भी बनाया जाना चाहिए।
प्रतिष्ठा समारोह से ठीक एक सप्ताह पहले विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन शुरू हो जायेगा। इसकी शुरुआत शहर में झांकी से होगी। इसमें भगवान राम के जन्म से लेकर वनवास तक की तस्वीरें होंगी। लंका पर विजय और अयोध्या वापसी की झलक भी दिखेगी।
पांचों मंडपों के गुंबदों का आकार 34 फीट चौड़ा और 32 फीट ऊंचा है और आंगन के ऊपर की ऊंचाई 69 फीट से 111 फीट तक है। मंदिर की लंबाई 380 फीट, चौड़ाई 250 फीट और चौड़ाई 250 फीट है और प्रांगण की ऊंचाई 161 फीट है। संपूर्ण गर्भगृह मकराना संगमरमर से बना है। मंदिर में 392 स्तंभ हैं।
राम मंदिर के लिए 2100 किलो का घंटा 6 फीट ऊंचा और 5 फीट चौड़ा है। इसे घंटा घुंघरू-घंटी नगरी के नाम से मशहूर जलेसर में तैयार किया गया है। एक महीने तक दिन-रात मेहनत करने के बाद यह घंटा तैयार किया गया है। इसकी कीमत करीब 25 लाख रुपये है।
इसके अलावा प्रधानमंत्री के आगमन को देखते हुए हाईवे से नयाघाट की ओर आने वाले धर्मपथ की सजावट भी आकर्षक होनी चाहिए और एयरपोर्ट से नयाघाट तक की सड़क को फोर लेन सड़क की तरह आकर्षक फूलों से सजाया जाना चाहिए। सुल्तानपुर रोड से लेकर एयरपोर्ट तक सजावट की गई है। राष्ट्रीय राजमार्ग लखनऊ गोरखपुर पर अयोध्या की बाईपास रेलिंग को आकर्षक रंगों से रंगवाया जाए तथा उसके मध्य में आकर्षक फूल एवं गमले आदि लगाए जाएं। साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देना होगा।
अयोध्या में श्रीराम एयरपोर्ट लगभग तैयार हो चुका है। इस एयरपोर्ट का काम पूरा करने की डेडलाइन 31 दिसंबर तय की गई थी। पीएम मोदी 30 दिसंबर को अयोध्या में एयरपोर्ट का उद्घाटन करेंगे। प्रतिष्ठा समारोह से पहले हवाई अड्डे को चालू करने की योजना थी और इसे तय समय से पहले पूरा किया जा रहा है। यही वजह है कि हाल ही में केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया खुद अयोध्या पहुंचे।
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