Sunday, July 7, 2024
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Satish Kaushik Last Words: मौत से पहले सतीश कौशिक के ये थे आखिरी शब्द-“मैं मरना नहीं चाहता…मुझे बचा लो”, जाने आगे ओर क्या कहा

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इंडिया न्यूज: (These were the last words of Satish Kaushik before his death – “I do not want to die…save me”, know what else he said): बॉलीवुड के वर्सेटाइल एक्टर, कॉमेडियन और फिल्म मेकर सतीश कौशिक की यूं अचानक हुई मौत ने ना सिर्फ फिल्म इंडस्ट्री को बल्की फैंस को भी हैरत में डाल दिया है। वहीं हर किसी के लिए ये स्वीकार कर पाना बहुत मुश्किल है। जहां इस गहरे सदमे से उनका परिवार उभर नहीं पा रहा है। बता दें की सतीश कौशिक के अंतिम समय में उनका मैनेजर संतोष राय वहा उनके साथ था। जहां उसने सतीश कौशिक के कुछ आखिरी पलों के बारे में बताया है।

खबर में खास:-

  • कोई असुविधा का अनुभव नहीं हुआ
  • हार्ट-अटैक से पहले कागज 2 देख रहे थे सतीश
  • जोर-जोर से पुकारा अपने मैनेजर का नाम
  • मैं मरना नहीं चाहतासतीश कौशिक

कोई असुविधा का अनुभव नहीं हुआ

दरअसल, संतोष राय ने एक समाचार एजेंसी से बात करते वक्त बताया है कि आखिर उस रात क्या हुआ था। वो करीब बीते 34 सालों से सतीश कौशिक के साथ काम कर रहा था और वहीं उनके साथ ही रहता था। फिर आगे उसने ये भी बताया कि बुधवार की रात को खाने के तुरंत देर बाद सतीश कौशिक को किसी भी तरह की कोई असुविधा का अनुभव नहीं हुआ था। जहां रात करीब 8.30 बजे उन्होंने अपना डिनर खत्म किया था। क्योंकि हमें 9 मार्च को सुबह 8:50 बजे की फ्लाइट से मुंबई लौटना था। जहां उन्होंने मुझे बोला कि, ‘संतोष, जल्दी सो जाओ, हमें सुबह की फ्लाइट पकड़नी है। मैंने कहा, ठीक है सर जी। मैं बगल वाले कमरे में सोने चला गया।”

हार्ट-अटैक से पहले कागज 2 देख रहे थे सतीश

वहीं फिर उनके मैनेजर संतोष ने बताया कि, रात 11 बजे उन्होंने मुझे फोन किया और उन्होंने बोला कि, “संतोष, आ जाओ, मुझे अपना वाईफाई पासवर्ड ठीक करने की जरूरत है क्योंकि मैं एडिट के उद्देश्य से ‘कागज 2’ (कौशिक के निर्देशन में बनी फिल्म जिसकी शूटिंग पूरी हो चुकी है) देखना चाहता हूं। उन्होंने रात 11:30 बजे फिल्म देखना शुरू किया और मैंने वापस अपने कमरे में चला गया।”

जोर-जोर से पुकारा अपने मैनेजर का नाम

वहीं संतोष ने बताया कि, ”रात करीब 12:05 बजे उन्होंने जोर-जोर से मेरा नाम पुकारना शुरू कर दिया और मैं दौड़ता हुआ आया उनके पास। फिर उनसे पूछा, “क्या हुआ सर? क्यों चिल्ला रहे हो? इसके बजाय आपने मुझे फोन पर कॉल क्यों नहीं किया?” उन्होंने मुझसे कहा, “सुनो, मुझे सांस लेने में तकलीफ हो रही है। जहां उन्होंने बोला प्लीज मुझे डॉक्टर के पास ले चलो। हम तुरंत, वो और मैं कार की ओर गए और वह बैठ गए। इस दौरान उनके ड्राइवर और बॉडीगार्ड भी हमारे साथ थे।”

मैं मरना नहीं चाहतासतीश कौशिक

वहीं फिर संतोष ने बताया कि जैसे ही वो लोग अस्पताल की ओर निकले तो उनके सीने में दर्द बढ़ गया और उन्होंने कहा, ‘जल्दी चलो अस्पताल।’ फिर, उन्होंने अपना सिर मेरे कंधे पर रखा और कहा, ‘संतोष, मैं मरना नहीं चाहता, मुझे बचा लो।’ उन्होंने मुझे पकड़ा और कहा, ‘मुझे वंशिका के लिए जीना है। मुझे लगता है मैं नहीं बचूंगा। तुम शशि और वंशिका का ख्याल रखना।’ हम आठ मिनट में अस्पताल (फोर्टिस अस्पताल) पहुंच गए क्योंकि शायद होली की वजह से सड़क खाली थी, लेकिन जब तक हम हॉस्पिटल के अंदर गए वह बेहोश हो चुके थे।”

बता दें कि 8 और 9 मार्च की दरमियानी रात को सतीश कौशिक ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया था। 9 मार्च को मुंबई में उनका अंतिम संस्कार किया गया। वहीं अब उनके परिवार में उनकी पत्नी शशि और बेटी वंशिका बची हैं।

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