Sunday, May 19, 2024
HomeBreaking NewsShivratri 2024: कब है महाशिवरात्रि? मनोकामना पूरी करने के लिए करें ये...

Shivratri 2024: कब है महाशिवरात्रि? मनोकामना पूरी करने के लिए करें ये उपाय

- Advertisement -

India News(इंडिया न्यूज़), Shivratri 2024: भारत त्योहारों का देश है। हिन्दू संस्कृति में सभी त्योहारों का अपना महत्त्व है। जिसमे सबसे खास त्योहारों महाशिवरात्रि है। इस दिन देवों के देव महादेव की विशेष पूजा-अर्चना होती है। वही इस साल हिन्दू कैलेंडर में सभी त्योहारों के तारीख को लेकर लोग थोड़ा कन्फ्यूज थे। सबके मन में होगा कि महाशिवरात्रि कब ? हम इस लेख में आपको बताएंगे की महाशिवरात्रि कब है और सही मुहूर्त कब है। साथ ही अगर मनोकामना पूरी करने के लिए करें कौन सा उपाय करें इस बात कि भी जिक्र करेंगे।

जानिए भगवान शिव के अवतार का रहस्य

एक बार भगवान सदाशिव और पराशक्ति के मन में दूसरे मनुष्य को बनाने की इच्छा उत्पन्न हुई। अपनी इच्छा पूरी करने के लिए उन्होंने अपने सीधे भाग से ब्रह्मा जी और अपने उल्टे भाग से विष्णु जी को उत्पन्न किया। उन्होंने ब्रह्माजी को सदाशिव और पराशक्ति से उत्पन्न करके उन्हें नाभि कमल में स्थापित किया। इस प्रकार भगवान विष्णु के नाभि कमल से ब्रह्मा जी की उत्पत्ति हुई।

सृष्टि रचना के बाद भगवान ब्रह्मा को सृष्टि की रचना करने की जिम्मेदारी मिली और भगवान विष्णु को सृष्टि के पालन की जिम्मेदारी मिली। लेकिन एक दिन दोनों के बीच इस बात पर बहस हो गई कि सबसे अच्छा कौन है। इसी बहस के दौरान एक दिव्य ज्योति प्रकट हुई, जिसमें एक विशाल शिवलिंग था। उस समय एक भविष्यवाणी भी हुई थी, जिसमें कहा गया था कि तुम दोनों की रचना मेरे द्वारा ही हुई है। कुछ लोगों का मानना ​​है कि तभी भगवान शिव का जन्म हुआ था।

महाशिवरात्रि पूजा विधि

हिंदू धर्म के लोगों के लिए महाशिवरात्रि का पवित्र त्योहार बहुत खास होता है। इस दिन भक्त व्रत रखते हैं और भगवान शिव की पूजा करते हैं। सुबह से ही शिव मंदिरों में भक्तों का तांता लगना शुरू हो जाता है। लोग अलग-अलग चीजों से शिव का अभिषेक करते हैं।

भगवान शिव की स्तुति करें

शिवरात्रि के दिन भक्तों को पूरे दिन व्रत रखना चाहिए। व्रत को निर्विघ्न पूरा करने के लिए भगवान शिव से आशीर्वाद मांगना चाहिए। शिवरात्रि के दिन भक्तों को शाम को स्नान करने के बाद ही पूजा करनी चाहिए या मंदिर जाना चाहिए। भक्तों को चतुर्दशी तिथि पर सूर्योदय और सूर्यास्त के बीच व्रत समाप्त करना चाहिए। घर के पास जो भी शिव मंदिर हो वहां जलाभिषेक अवश्य करना चाहिए। यदि नदी तट पर शिव मंदिर हो तो अति उत्तम रहेगा।

Also Read:

SHARE
RELATED ARTICLES

Most Popular