इंडिया न्यूज: (Hindu organizations resolved to change the name of Aligarh): अलीगढ़ का नाम बदलने की मांग को लेकर हिंदू संगठनों ने शुरू की मुहिम। इस में हिंदू समुदाय से जुड़े सैकड़ों लोगों ने लिया भाग। जहां एएमयू के पूर्व छात्र और सुप्रीम कोर्ट के सीनियर अधिवक्ता नीरज शर्मा ने हवन यज्ञ किया। वहीं इस के बाद हिंदू संगठन से जुड़े लोगों ने संकल्प लिया। आज से सोशल मीडिया, संवाद में सभी लोग अलीगढ़ को बोलेंगे हरीगढ़। इसके बाद आगे उन्होंने कहा है कि हम हरि के बच्चे हैं, और हरि का ही नाम लेंगे।
वहीं एएमयू के पूर्व छात्र और सुप्रीम कोर्ट के सीनियर अधिवक्ता नीरज शर्मा ने बताया कि शहर का नाम बदलने को लेकर आज से हवन शुरू कर दिया गया है। जिसके चलते अब हमारे शहर का नाम अलीगढ़ नहीं बल्कि हरीगढ़ होगा। इसके साथ हजारों की तादात में कार्यकर्ताओं ने संकल्प लिया कि आज से हम अपने हर संवाद में हरीगढ़ शब्द का इस्तेमाल करेंगे। बोलने में लिखने में किसी भी तरह का संवाद में सिर्फ हरिगढ़ शब्द का हि इस्तेमाल होगा। जहां आगे उन्होनें ये बोला कि “हम सब हरि के बच्चे हैं” और हरि के बच्चे हरि का ही नाम ले सकते हैं। वस इतना हि नही अब हरि नाम से ही सब कुछ होगा। अगर नाम से कोई आपत्ति नहीं है तो आप यह देखिए किसी का भी नाम कुछ भी हो सकता है।
बता दें कि आगे उन्होंने बोला कि सनातन धर्म में आप हिंदू टाइप के ही नाम क्यों रखते हो? आप चाहे रमजान रख सकते हो, आरिफ रख सकते हो, अली रख सकते हो या फिर मोहम्मद रख सकते हो,या फिर इसकी जगह कुछ भी रख सकते हो। क्यों नहीं रखते हो क्योंकि आप का उससे जुड़ाव नहीं हो पाता है और जब तक आपका जुड़ाव नहीं होगा बिल्कुल वैसा ही चाहिए जैसे मेरा घर, मेरा परिवार, मेरे मां-बाप और मेरा शहर अगर हम सऊदी अरब का नाम काशी रख दें, तो सऊदी अरब के लोगों का काशी से जुड़ाव होगा, बिल्कुल नहीं होगा वैसे ही यहां जो बहुसंख्यक समुदाय है उसका जुड़ाव कैसे हो सकता है।
भारतीय जनता पार्टी से लोधा के ब्लॉक प्रमुख ठाकुर हरेंद्र सिंह ने जानकारी देते हुए बताया है कि आज हम हरि के यज्ञ में शामिल हुए हैं, जनपद अलीगढ़ के नाम को हरि के नाम से रखने के लिए आज हम सब लोग साथ हैं, यह बहुत ही सराहनीय पहल है, इलाहाबाद का नाम प्रयागराज हो सकता है। तो फिर अलीगढ़ का नाम हरिगढ़ क्यों नहीं हो सकता है।
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