होम / Ashoka Foam Factory Fire: अशोका फोम फैक्टरी अग्निकांड, दो दिन बाद भी तस्वीर साफ नहीं, जानें कैसे आया था भीषण आग की चपेट में

Ashoka Foam Factory Fire: अशोका फोम फैक्टरी अग्निकांड, दो दिन बाद भी तस्वीर साफ नहीं, जानें कैसे आया था भीषण आग की चपेट में

• LAST UPDATED : May 12, 2023

India News(इंडिया न्यूज़),Ashoka Foam Factory Fire: बरेली के फरीदपुर क्षेत्र में अशोका फोम फैक्टरी में बुधवार रात भीषण आग लगने से चार कर्मचारियों की जलकर मौत हो गई। इस भयंकर आग की चपेट में आने से चार कर्मचारी जिंदा जल गए। मरने वालों के अवशेष तक बरामद नहीं हो पाए। हड्डियां तक इस अग्निकांड में राख हो गई। इस अग्निकांड के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन दूसरे दिन भी जारी रहा। चार लोगों की मौत के बाद भी हादसे की तस्वीरें सही तोौर पर स्पष्ट नहीं हो पाई। इसमें दो से तीन दिनों का समय लग सकता है। बता दें कि बुधवार शाम धमाके के साथ फोम फैक्टरी के एक प्लांट की लोहे की छत ताश के पत्तों की तरह ढ़ह गई थी।

दो से तीन दिन बाद ही स्थिति हो पाएगी सामान्य

इस घटना के बाद गैस कटर से लोहे की भारी-भरकम चादर को काटकर चार शवों को किसी तरह बाहर निकाला गया। निकाले गए। जैसे ही शव बाहर निकलते परिवारजन खासकर की महिलाएं चीखपुकार शुरू कर देतीं। गुरूवार सुबह तहसीलदार दिव्यांशी सिंह की मौजूदगी में रेस्क्यू ऑपरेशन जारी रहा। कटर से चादर काटने में ज्यादा समय लगता देखकर अब क्रेन से उनको हटाने का काम किया जा रहा है। जो सूत्रों ने खबर दी है उसके मुताबिक मुताबिक हादसे के दौरान फैक्टरी में 21 नियमित कर्मचारी और 43 दैनिक वेतनभोगी मजदूर कार्य कर रहे थे। हालांकि दूसरे दिन किसी नए शख्स के लापता होने का दावा नहीं हुआ। इस आधार पर कहा जा सकता है कि शायद चादर के नीचे और शव न हों लेकिन दो से तीन दिन बाद ही स्थिति सामान्य तौर पर स्पष्ट हो पाएगी।

अशोका फोम फैक्टरी के प्रबंधन ने घटना पर जताया खेद
इस अग्निकांड के बाद अशोका फोम फैक्टरी प्रबंधन से जुड़े विभोर गोयल ने बताया कि यह प्राकृतिक आपदा जैसा था। मृतकों व घायलों के परिजनों को दुख है, लेकिन उनसे अधिक उन्हें भी पीड़ा है। उनके इलाज के लिए हरसंभव आर्थिक सहयोग किया जाएगा। आरोप कोई कुछ भी लगाए। हादसे में जो जनहानि हुई है, उससे मन बहुत व्यथित है। आग लगने का अभी कोई स्पष्ट कारण पता नहीं चला है। यह शार्ट सर्किट भी हो सकता है। फैक्टरी में जिंदा जलकर मरे चारों मजदूरों के शवों का पोस्टमार्टम हुआ। इसके बाद शव परिजनों को सौंपे गए। इन शवों में पहचान लायक कोई चीज नहीं बची थी। चार शवों को चार परिवारों ने आपस में बांट लिया। अगर वह ऐसा नहीं करते तो शवों को लावारिस मानकर पुलिस अंतिम संस्कार कर देती।
ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

ADVERTISEMENT
mail logo

Subscribe to receive the day's headlines from India News straight in your inbox