INDIA NEWS (इंडिया न्यूज़), प्रयागराज : अतीक अहमद और अशरफ अहमद की हत्या का मामला सुप्रीम कोर्ट में दायर है। इस मामले की सुनवाई 24 अप्रैल यानी की आज होने वाली थी। लेकिन इस तारीख को अब आगे बढ़ा दिया गया है और अब 28 अप्रैल को इस मामले पर सुनवाई होगी।
प्रायगराज में पुलिस की मौजूदगी के बीच अतीक और अशरफ की हत्या हुई थी और इसी मामले की जांच को लेकर सुप्रीम कोर्ट के एक पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक स्वतंत्र विशेषज्ञ कमेटी गठित करने की मांग की गई है ।
इसके अलावा एडवोकेट विशाल तिवारी ने यह याचिका दायर की थी और यही नही, इसके साथ-साथ यूपी में 2017 के बाद हुए 183 एनकाउंटर की जांच की मांग भी याचिकाकर्ता द्वारा की गई थी।
एडवोकेट विशाल तिवारी ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर यूपी की 183 मुठभेड़ों की जांच के लिए एक स्वतंत्र विशेषज्ञ समिति गठित करने की मांग की है। इसमें अतीक-अशरफ की हत्या का मामला भी शामिल है। इसके अलावा इस याचिका में कानपुर में हुआ बिकरू एनकाउंटर केस 2020 की जांच करने की भी मांग की गई है।
यही नही बल्कि इस मामले में विकास दुबे का पुलिस ने एनकाउंटर भी कर दिया था। बता दें कि 15 अप्रैल को अतीक और उसके भाई अशरफ की उस समय हत्या कर दी गई जबकि वह पुलिस हिरासत में था। उसे अस्पताल में मेडिकल के लिए ले जाया जा रहा था। मीडियाकर्मी बनकर आए तीन युवकों ने गोली मारकर दोनों की हत्या कर दी।
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई को लेकर अपनी पूरी तैयारी कर ली है इसके अलावा योगी सरकार भी इस सुनवाई को लेकर अपना पक्ष पूरा मजबूत कर लिया है।
इस मामले की जांच को लेकर एनकाउंटर पर उठ रहे सवालों के जवाब भी दिए जाएंगे। कोर्ट में सरकार की और से इस मामले को लेकर न्यायाल आयोग और एसआईटी के गठन का हवाला भी दे दिया है।
याचिका में कहा गया कि अतीक अहमद और अशरफ अहमद की हत्या की जांच के लिए एक स्वतंत्र समिति का गठन किया जाना चाहिए। ये पुलिस मुठभेड़ लोकतंत्र के साथ साथ कानून शासन के लिए भी बहुत बड़ा खतरा है। इसके अलावा पुलिस कस्टडी में ऐसे हत्याकांड या फर्जी मुठभेड़ के बहाने हुई ऐसी वारदात कानून के लिए शासन का उल्लंघन है।
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