Atiq Murder Case: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में शनिवार की रात को माफिया और राजनेता अतीक अहमद और उसके भाई को हॉस्पिटल में मेडिकल के लिए ले जाया जा रहा था। पुलिस जीप से जैसे ही बाहर आए ठीक वैसे ही दोनों भाइयों को मीडियाकर्मयों ने घेर लिया। तभी अतीक के सिर पर तीनों हमलावरों ने हमला कर दिया। जैसे ही अतीक पर हमला हुआ। उसकी सफेद पगड़ी सिर से अलग हो गई क्योंकि पहली गोली सिर में ही मारी गई। उसी दौरान उसके भाई को भी गोली मार दी गई और वैसे ही तीनों हमलावरों को पुलिस ने घेर लिया। फिलहाल प्रदेश सरकार ने जांच का आदेश दिया है।
लेकिन शनिवार की शाम की इस निर्मम हत्या ने विपक्षी नेताओं को सरकार पर हमला करने का एक मौका दे दिया है। दरअसल विपक्ष ने कहा है कि जो कहते हैं कि प्रदेश में कानून का शासन है वो अब दिखाता है कि कानून और व्यवस्था का क्या हाल है? वरिष्ठ वकील और राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने कहा कि उत्तर प्रदेश में “दो हत्याएं” हुई हैं – “एक, अतीक और भाई अशरफ की और दो, कानून के शासन की”। यूपी पुलिस के पूर्व महानिदेशक विक्रम सिंह ने एक चैनल से बात करते हुए कहा कि अहमद की हत्या अस्वीकार्य थी। उन्होंने कहा, “हिरासत में मौत काफी खराब है, हत्या उससे भी बदतर है।”
2019 में, अतीक को एक प्रमुख गवाह उमेश पाल के अपहरण का दोषी ठहराया गया था। जिसने राजू पाल हत्या मामले में अतीक के खिलाफ गवाही दी थी। बता दें 24 फरवरी 2023 को, एक गोलीबारी और बम हमले के दौरान उमेश पाल की मौत हो गई थी। इस हत्याकांड में अतीक अहमद मुख्य आरोपी था। अहमद के भाई अशरफ, बेटे असद, और सहयोगी गुड्डू मुस्लिम, एक बम बनाने वाला, जिसने कथित तौर पर उमेश पाल पर बम फेंका था और पिछले हिंसक अपराधों में शामिल रहा है। सह-आरोपी थे। अहमद को जून 2019 में प्रयागराज सेंट्रल जेल से अहमदाबाद की साबरमती जेल में स्थानांतरित कर दिया गया था।
2004 में, अहमद ने सपा के सदस्य के रूप में फूलपुर से सांसद के रूप में सेवा करने के लिए इलाहाबाद पश्चिम विधायक सीट छोड़ दी। उनके स्थान पर उनके छोटे भाई खालिद अजीम ने उपचुनाव लड़ा और बसपा के उम्मीदवार राजू पाल से हार गए। 2005 में, राजू पाल की गोली मारकर हत्या कर दी गई और खालिद अजीम अगला उपचुनाव जीतने और विधायक सीट हासिल करने में सफल रहे।
14 दिसंबर, 2016 को, अहमद और उसके गुर्गों ने सैम हिगिनबॉटम यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर, टेक्नोलॉजी एंड साइंसेज के स्टाफ के सदस्यों पर दो छात्रों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कथित तौर पर हमला किया। जिन्हें नकल करते पकड़े जाने के बाद परीक्षा देने से और भी अधिक वंचित कर दिया गया था। अहमद द्वारा शुएट्स शिक्षक और कर्मचारियों की पिटाई का वीडियो इंटरनेट पर व्यापक रूप से प्रसारित किया गया था। अहमद को अगले दिन गिरफ्तार कर लिया गया। 10 फरवरी, 2017 को इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने अहमद के आपराधिक इतिहास को तलब किया और इलाहाबाद के पुलिस अधीक्षक को मामले के सभी आरोपियों को गिरफ्तार करने का निर्देश भी दिया। पुलिस ने अहमद को 11 फरवरी को गिरफ्तार किया था। जिसके बाद उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था।
अतीक ने आपराधिक दुनिया में कदम रखने के लिए सबसे पहले ट्रैन के कोयले की चोरी किया और उसको मुआवजा के लिया बेच दिया करता था। आगे जा कर वह रेलवे स्क्रैप धातु(गैर-लौहे की बनी हुई धातु) के लिए सरकारी निविदा प्राप्त(रेलवे व्दारा भण्डार की आपूर्ति) करने के लिए धमकी देने वाले कॉन्ट्रैक्टर्स में बदल गया। उनका पहला आपराधिक रिकॉर्ड 1979 में था। जब उन पर इलाहाबाद में हत्या का आरोप लगाया गया था। यहीं उसने अपना क्राइम नेटवर्क बनाया था। वह उत्तर प्रदेश में गैंगस्टर अधिनियम के तहत मामला दर्ज करवाने वाला पहला व्यक्ति बना।
अतीक अहमद ने 10 अगस्त 1962 में जन्म लिया था वे उनकी मृत्यु 15 अप्रैल 2023 में हुई थी। अतीक अहमद एक माफिया के साथ राजनेता भी था। वह आपने समह में 5 बार विधायक रहा है और एक साल संसद भी रहा है। अतीक के खिलाफ 100 से ज़ादा आपरधिक मामला दर्ज थे और उसने अनेक चुनाव पुलिस हिरासत में रहे कर लड़े थे। मार्च 2023 में उत्तर प्रदेश की पुलिस ने अतीक और उसके परिवार के नाम से जो सम्पत्ति दर्ज थी जिनकी कीमत ₹11,684 करोड़ उसको कुर्क कर दिया था।
Edited By Kashish Goyal
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