India News, (इंडिया न्यूज), Ayodhya Pollution: रामनगरी अयोध्या में 22 जनवरी को रामलला का अभिषेक होगा। आने वाले दिनों में लाखों श्रद्धालु अयोध्या आने वाले हैं। रामलला के दर्शन करने वाले हैं। लेकिन अयोध्या आने के लिए कई लोग ऐसे भी हैं जो अपने-अपने वाहनों से आएंगे। ऐसे में आशंका है कि शहर की हवा प्रदूषित हो सकती है। वाहनों की भीड़ से आसपास के वातावरण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। अयोध्या में इस समस्या से निजात पाने के लिए ई-वाहन की मदद ली जा रही है, जो बैटरी चालित वाहन होगा, जिसके जरिए श्रद्धालुओं को दर्शन कराया जाएगा।
जानकारी के मुताबिक, ऐसी करीब 12 गोल्फ कार्ट अयोध्या पहुंची हैं। फिलहाल प्रायोगिक तौर पर इसे अयोध्या की गलियों में एक जगह से दूसरी जगह ले जाया जा रहा है। फिलहाल इस वाहन को अधिकारियों के उपयोग के लिए रखा गया है। हालाँकि, कुछ तीर्थयात्रियों को इन वाहनों पर बैठाकर भी घुमाया जाता है।
मी़डिया से बात करते हुए एक प्रशासनिक अधिकारी ने कहा कि इन गाड़ियों से प्रदूषण शून्य है। प्रदूषण शून्य होने के कारण इन वाहनों का उपयोग मंदिर और उसके आसपास के क्षेत्रों में किया जाएगा। दरअसल, ये वाहन आकार में इतने छोटे होते हैं कि इनका मूवमेंट बहुत अच्छे से किया जा सकता है और चूंकि ये प्रदूषण मुक्त होते हैं इसलिए इनका इस्तेमाल भी बहुत आसानी से किया जा सकता है।
सूत्रों के मुताबिक, आगरा और उसके आसपास के इलाकों में बढ़ते प्रदूषण के कारण ताज महल पर प्रतिकूल असर पड़ा है। इसी को ध्यान में रखते हुए अयोध्या में बन रहे मंदिर के आसपास के क्षेत्र को पूरी तरह से प्रदूषण मुक्त कैसे बनाया जाए, इस पर विचार किया जा रहा है।
योगी आदित्यनाथ इस कार की सवारी करने वाले पहले व्यक्ति थे। इसके बाद यह वाहन प्रायोगिक तौर पर मंदिर और आसपास के इलाकों में चलाया जाने लगा। आज स्थिति यह है कि इन वाहनों को 84 परिक्रमा मार्ग और 14 कोस परिक्रमा मार्ग के साथ-साथ पंचकोशी मार्ग पर भी चलाया जा रहा है, ताकि आने वाले दिनों में किसी भी तरह के प्रदूषण की समस्या न हो।
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