India News (इंडिया न्यूज़) Ayodhya : अयोध्या (Ayodhya) में 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम रखा जाएगा। जिसके चलते अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा का काम तेजी से शुरू कर दिया गया है। इसी बीच राम मंदिर में भगवान राम की कौन सी मूर्ति स्थापित की जाएगी। उसको लेकर बड़ी अपडेट सामने आई है। आपको बता दे कि भगवान श्री राम की तीन मूर्ति बनकर तैयार की गई है।
इन तीन मूर्तियों में से किसी एक मूर्ति का चयन किया जाएगा। तीनों में से कौन सी एक मूर्ति स्थापित की जाएगी इसका फैसला 29 जनवरी को लिया जाएगा। जिसमे कुछ ही लोग मौजूद होंगे। जिस मूर्ति में भगवान राम की बाल छवि उभर कर सामने आएगी। उसी मूर्ति का चयन किया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक बेंगलुरु के जी एल भट्ट, मैसूर के अरुण योगिराज और राजस्थान के सत्यनारायण पांडेय ने भगवान श्री राम की मूर्ति बनाकर तैयार की है।
भगवान श्री राम के बाल रूप की मूर्ति बनने का कार्य 90 प्रतिशत हो चुका है। भगवान श्री राम के बाल रूप को मूर्ति में ढालने का सौभाग्य बेंगलुरु के जी एल भट्ट, मैसूर के अरुण योगिराज और राजस्थान के सत्यनारायण पांडेय को मिला है।
मैसूर के अरुण योगीराज शिल्पी को रामलला की मूर्ति बनाने का सौभाग्य मिला है। अरुण योगीराज शिल्पी रामलाल की मूर्ति को 6 महीने से बनाने में लगे हुए है। जिसकी लंबाई 51 इंच है। । इसमें भगवान श्री राम धनुष और तीर पकड़े हुए हैं।
मैसूर के अरुण योगीराज ने एमबीए की पढ़ाई की हुई है। मूर्तीकार से पहले योगीराज नौकरी करते थे। लेकिन उन्हें नौकरी करने में वो सुकून नहीं मिला। जो उन्हें मूर्ति बनाकर मिलती है। जिसके चलते ही योगीराज ने मूर्ति बनाने का काम शुरू कर दिया।
शिल्पकार सत्यनारायण पांडे को भी रामलाल की मूर्ति बनाने का कार्य मिला है। जोकि इनके लिए बड़े सौभाग्य की बात है। राम लला की मूर्ति बनाने वाले शिल्पकार सत्यनारायण पांडे एक जाने -माने शिल्पकार है। इन्होंने 40 साल पुरानी मकराना की शिला से भगवान श्री राम की मूर्ति बनाकर तैयार की है। दरअसल मकराना की शिला में ऐसी चीजें पाई जाती है, जो पत्थर को आजीवनकाल तक ऐसे ही बनाए रखता है। जिसमे कोई बदलाव नहीं होते । मकराना की शिला में कैल्शियम आयरन होता है, जो आजीवनकाल तक एक जैसा ही रहता है। इस पत्थर की खासियत यह है कि अब ये पत्थर आपको और नहीं मिल सकेगा।
सत्यनारायण पांडे जाने माने शील्पकार है। उन्होंने रामलाल की मूर्ति बनाने से पहले भी कई मूर्तियां बनाई है। शिल्पकार सत्यनारायण ने हर धर्म की मूर्तियां बनाकर तैयार की है। सत्यनारायण पांडे मूर्तिकला उद्योग में एक बहुप्रतीक्षित नाम बनकर उभरे है। शिल्पकार सत्यनारायण की बनाई हुई मूर्तियों में समृद्ध पारंपरिक कला और समकालीन रूप देखने को मिलता है।
भगवान श्री राम की मूर्ति बनाने का सौभाग्य बैंगलौर के मशहूर मूर्तिकार जीएल भट्ट को भी मिला है। मूर्तिकार जीएल भट्ट ने खड़ी मुद्रा से भगवान श्री राम की मूर्ति बनाकर तैयार की जा रही है। जोकि कम से कम 4 फिट लंबी है। कर्नाटक की तुंगभद्रा नदी के किनारे की पहाड़ी से लाई गईं शिलाओं से मूर्ती तैयार की जा रही है।
दरअसल, मिली जानकारी के अनुसार , मूर्ति की सौन्दर्यता और आकर्षण को देखते हुए ही भगवान श्री राम की मूर्ति का चयन किया जाएगा। 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम रखा जाएगा। पीएम नरेंद्र मोदी ही भगवान राम की प्रतिष्ठा के कार्यक्रम में अहम बनकर पूजा अर्चना करेंगे।
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