होम / Baghpat News : “दरगाह और कब्रिस्तान या फिर मंदिर” आज पांडवों के लाक्षागृह पर आ सकता बड़ा फैसला, क्या है इसकी पूरी कहानी

Baghpat News : “दरगाह और कब्रिस्तान या फिर मंदिर” आज पांडवों के लाक्षागृह पर आ सकता बड़ा फैसला, क्या है इसकी पूरी कहानी

• LAST UPDATED : September 22, 2023

India News (इंडिया न्यूज़) Baghpat News बागपत : आज बागपत के लाक्षागृह को लेकर कोर्ट का बड़ा फैसला आ सकता है। साल से मजार पर मालिकाना हक को लेकर हिंदू और मुस्लिम पक्ष के बीच मुकदमा चल रहा है। आज न्यायालय के फैसले पर दोनों पक्षों की नाराज बनी हुई है।

Baghpat News

Baghpat News

क्या है लाक्षागृह की कहानी

पांडवों के लाक्षागृह बागपत कहानी महाभारत के एक महत्वपूर्ण घटने से संबंधित है। इस कहानी के अनुसार, पांडव अपने वनवास के दौरान अग्यातवासी रूप में गुप्तवन (विराटनगर) में रहते थे। उनके अवतरण के समय, युद्ध की सम्पूर्ण तैयारी का समय आया था।

पांडवों का एक महत्वपूर्ण लक्ष्य था गुप्तवन के राजा विराट के साथ उनके गुप्त स्वरूप को बरकरार रखना ताकि दुर्योधन और कौरव सेना उन्हें पहचान न सकें। इस लक्ष्य के तहत, युद्ध के लिए अर्जुन ने गुप्तवन के राजा विराट के दरबार में गुप्तचर नाम से अपना विशेष रूप बनाया।

अर्जुन ने अपनी बहिन सुभद्रा को भी दूती के रूप में भेजा और उसका नाम ब्राह्मण ब्राह्मणी के रूप में रखा। इस प्रकार, पांडव और उनकी परिवार का अभिवादन विराटनगर में दो अलग व्यक्तियों के रूप में हुआ और उन्होंने अपनी पहचान छिपाई रखी।

Baghpat News

Lakshyagrih of Pandavas

 

इस कहानी के परिणामस्वरूप, पांडवों के छिपे रहने का यह योजना महाभारत के युद्ध की शुरुआत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे वे अपनी शक्ति को छिपा सके और युद्ध की तैयारी कर सके।

52 साल से चल रहा मुकदमा

बता दे, बागपत के लाक्षागृह को लेकर आज कोर्ट का बड़ा फैसला आ सकता है। आज दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद बागपत सिविल कोर्ट इस मामले में अहम फैसला दे सकती है। आज न्यायालय के फैसले पर हिंदू और मुस्लिम दोनों पक्ष के लोगो की निगाहें है।

आज कोर्ट फैसला करेंगी की बदरुद्दीन की दरगाह और कब्रिस्तान या फिर हिंदू धर्म का लाक्षागृह अखिर बरनावा के लाक्षागृह में क्या है। दरअसल, पिछले 52 साल से मजार पर मालिकाना हक को लेकर हिंदू और मुस्लिम पक्ष के बीच मुकदमा चल रहा है।

Lakshyagrih of Pandavas

Lakshyagrih of Pandavas

1970 में मुकीम खान ने इसको लेकर मेरठ सिविल कोर्ट में वाद दायर किया था। मेरठ से विभाजित हुए बागपत की सिविल कोर्ट में लाक्षागृह का मामला चल रहा है। इसी स्थान पर संस्कृत विद्यालय और पूजा अर्चना भी होती है। पांडवों का लाक्षागृह बागपत के बरनावा में स्थित है।

Also Read –

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

ADVERTISEMENT
mail logo

Subscribe to receive the day's headlines from India News straight in your inbox