India News (इंडिया न्यूज़), Veer Narayan Sharma, Mathura : हरियाली तीज के अवसर पर जन-जन के आराध्य ठाकुर श्री बांके बिहारी स्वर्ण रजत हिंडोले में विराजमान होकर भक्तों को दर्शन देने जा रहे हैं। हिंडोले को 1 लाख तोले चांदी व 2200 तोले सोने और शीशम की लकड़ी से तैयार किया गया है।
बता दें कि 15 अगस्त 1947 को तैयार हुए हिंडोले को बनाने में 20 कारीगरों को 5 साल का समय लगा था। साल 1947 को तैयार हुए इस हिंडोले में लगभग 25 लाख रुपए की लागत लगी थी। हरियाली तीज के मौके पर ठाकुर श्री बांके बिहारी सुबह 7:45 से दोपहर 2:00 बजे तक और शाम 5 बजे से रात 11 बजे तक स्वर्ण रजत जड़ित हिंडोले में विराजमान होकर भक्तों को दर्शन देंगे। इसी के साथ 31 जुलाई की सुबह से वृंदावन में बाहरी वाहन प्रवेश नहीं कर पाएंगे। हरियाली तीज के पर्व को देखते हुए यातायात व्यवस्था में भी परिवर्तन किया गया है।
हरियाली तीज का महत्वपूर्ण हिस्सा यह है कि यह विवाहित महिलाओं को उनके पतियों की दीर्घायु और खुशियों की कामना करने का अवसर प्रदान करता है। इसके अलावा, यह तीज व्रत भूकम्प क्षेत्रों में प्राकृतिक तबाहियों से बचाने और अपने पर्यावरण की सुरक्षा की महत्वपूर्णता को भी संजोता है।
तीज का पर्व पारंपरिक रूप से हरियाली की बहार का संकेत माना जाता है, जिसका अर्थ है कि प्राकृतिक सौंदर्य और फलन-फूलन की अवधि शुरू हो गई है। यह पर्व सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है और यह समाज में समरसता, परंपरा और भ्रातृत्व की भावना को मजबूती देता है।
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