India News (इंडिया न्यूज),Basti News: खबर उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले से है। आज हम दो बदनसीब भाइयों की बदनसीबी वाली कहानी आपको बताएंगे। यकीन मानिए यह कहानी पढ़कर आपकी भी आंखों से आंसू आ जाएंगे। उत्तर प्रदेश के बस्ती में रहने वाले इन दोनों भाइयों में से बड़े भाई की डेढ़ साल पहले तबीयत खराब हुई तो घरवालों ने उसे नजदीकी अस्पताल में दिखाया। यहां पर डॉक्टरों ने उसे हायर सेंटर रेफर कर दिया। जब उसके घर वाले उसको लेकर बड़े अस्पताल पहुंचे और जांच हुई तो डॉक्टरों ने उन्हें बताया कि उसकी किडनी खराब हो चुकी है। इतना सुनते ही घरवालों पर मानो दुखों का पहाड़ सा टूट गया क्योंकि अभी उसके बच्चे ने ठीक से दुनिया भी नहीं देखी थी और उसे इतनी छोटी सी उम्र में इतनी बड़ी गंभीर बीमारी हो गई। जैसे-तैसे परिवार वालों ने अपने आप को संभाला और बेटे की जान बचाने के लिए उसका इलाज शुरू कर दिया।
डॉक्टरों ने परिजनों को बताया कि उसकी किडनी ट्रांसप्लांट करनी पड़ेगी। जिसके बाद अपने कलेजे के टुकड़े को बचाने के लिए मां सामने आई और अपनी एक किडनी बेटे को देने के लिए राजी हो गई। डॉक्टरों ने दवा दे दिया और लगातार जांच करवाने की बात कही। जिसके बाद से डिस्चार्ज कर दिया गया। घर पर आने के बाद वह दवा करने लगा। अभी कुछ महीने बीते ही थे कि परिवार के छोटे बेटे की भी तबीयत खराब हो गई। छोटे बेटे को भी लेकर आनन-फानन में परिवार वालों ने डॉक्टरों को दिखाया और जब उसकी भी जांच हुई तो पता चला कि उनके छोटे बेटे की भी। किडनी खराब हो चुकी है। इतना सुनते ही परिवार वालों के पैरों तले जमीन खिसक गई।
अब उन्हें यह समझ नहीं आ रहा था कि किस बेटे को बचाएं और किसे अपना जीवन कुर्बान करने दें। क्योंकि मां-बाप की नजर में बच्चों की कीमत एक बराबर ही होती है। मध्यम वर्गीय परिवार के लिए दो बेटों को अगर गंभीर बीमारी हो जाए तो उस परिवार की मनह स्थिति क्या होती है, इसका अंदाजा हर कोई लगा सकता है। बरहाल अब इन परिवार वालों के लिए अगर कोई सहारा है तो वह है पैसाक्योंकि इस गंभीर बीमारी से निपटने के लिए रुपए की जरूरत हरदम पर होगी। जोकि गरीब और लाचार परिवार के पास है नहीं। अब वह सरकार और मददगारो से यह अपील कर रहे हैं कि उनके दोनों बेटों की इलाज में इनकी मदद करें।