India News(इंडिया न्यूज़), Karpuri Thakur : बिहार के पूर्व CM कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा। उनकी 100वीं जन्म जयंती से पहले उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किए जाने का ऐलान किया गया है। उन्हें पिछड़े वर्गों के हितों की वकालत करने के लिए जाना जाता था। उन्होंने ढेड़ दशक पहले OBC को आरक्षण दिलाया था।
भारतीय राजनीति के प्रमुख चेहरों में से एक “जननायक” कर्पूरी ठाकुर का जन्म 24 जनवरी 1924 को बिहार के समस्तीपुर जिले के पितौंझिया में हुआ था। उनकी राजनीतिक यात्रा विभिन्न चुनौतियों और सफलता की कहानियों से भरी है। वह रिक्शे से चलते थे और गरीबों के मसीहा थे।
कर्पूरी ठाकुर का राजनीति में पहला कदम 1952 में था, जब वे बिहार विधान सभा के सदस्य चुने गये। कर्पूरी ठाकुर 1952 में ताजपुर विधानसभा क्षेत्र से सोशलिस्ट पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर जीतकर विधायक बने थे। उनकी लोकप्रियता और नेतृत्व क्षमता ने जल्द ही उन्हें एक बड़ा नेता बना दिया।
कर्पूरी ठाकुर के लिए सबसे महत्वपूर्ण क्षण 1970 में आया, जब वे बिहार के मुख्यमंत्री बने। लेकिन वह सिर्फ छह महीने तक सत्ता में रहे पाएं। उसके बाद वह दिसंबर 1977 से अप्रैल 1979 तक सीएम पद पर रहे। उनके कुशल नेतृत्व और जन समर्थन ने उन्हें पूरे राज्य में पहचान दिलाई। अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने कई सामाजिक कल्याण योजनाएं शुरू कीं और गरीबों के लिए कई उपायों को प्राथमिकता दी।
वह एक साम्राज्य विरोधी नेता थे और उन्होंने भारी साम्राज्यवादी और आर्थिक असमानता के खिलाफ आवाज उठाई थी। उन्होंने गरीबी और असहिष्णुता के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया और सामाजिक न्याय की दिशा में कई कदम उठाए।
कर्पूरी ठाकुर की राजनीतिक यात्रा समृद्धि और न्याय की दिशा में कई योजनाओं और कदमों से भरी रही है। 17 फरवरी 1988 को उनका निधन हो गया, लेकिन उनका योगदान और नेतृत्व आज भी लोगों के दिलों में मौजूद है।
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