India News (इंडिया न्यूज), Bihar Politics : बिहार की बदलती राजनीतिक परिस्थितियों का फायदा उठाने के लिए एक तरफ बीजेपी एड़ी-चोटी का ज़ोर लगा रही है। तो वहीं, दूसरी तरफ आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव भी इसी राह पर चल दिये हैं। लालू यादव डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को सीएम बनाने के लिए रणनीति में जुट गए हैं।
गौरतलब है कि बिहार में आरजेडी सबसे बड़ी पार्टी है और वर्तमान समय में इसी के पास सबसे ज्यादा कुल 79 विधायक हैं। जिसका फायदा लालू यादव उठाना चाहते हैं।
मौजूदा आंकड़ों पर नजर डालें तो आरजेडी-79, कांग्रेस- 19, लेफ्ट- 16, निर्दलीय- 1, एमआईएमआईएम- 1 और हम पार्टी के चार विधायकों को मिलाकर कुल आंकड़ा 120 पहुंचता है, जो बहुमत से सिर्फ 2 कदम दूर है। ऐसे में अगर जेडीयू के कुछ विधायक इस्तीफा आरजेडी या फिर उसके समर्थक पार्टी में शामिल हो जाएं तो लालू यादव का काम बन सकता है।
बिहार में ऐसी स्थिति तभी संभव होगी जब जीतन राम मांझी की पार्टी बगावत करेगी। हालांकि, उनकी पार्टी (हम) की तरफ से कहा गया है कि उनकी पार्टी एनडीए और पीएम मोदी के साथ चट्टान की तरह खड़ी रहेगी। यह बिहार है, यहां खरीद-फरोख्त नहीं होगी।
अगर बिहार के सीएम नीतीश कुमार पाला बदलते हैं तो सरकार बनाने के लिए महागठबंधन को 8 विधायकों की जरूरत होगी। इसके लिए असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM से भी संपर्क किया जा रहा है। ऐसे में अगर बीजेपी ज्यादा समय लेती है तो बिहार में उसके लिए बाजी पलट जाएगी।
राजद सुप्रीमो लालू यादव विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी के संपर्क में हैं. स्पीकर अवध बिहारी पटना से बाहर थे, उन्हें वापस बुला लिया गया है। सूत्रों की मानें तो राजद ने जीतन राम मांझी को अपने पक्ष में लाने के लिए बिहार का मुख्यमंत्री बनाने की पेशकश की, जिसके बाद पार्टी नेता दानिश रिजवान ने कहा कि अगर वह उन्हें पीएम पद का उम्मीदवार भी बनाते हैं, तो हम ऐसा नहीं करेंगे। उसके साथ रहो. चल जतो। हालांकि, उन्होंने यह भी दावा किया है कि बिहार में बड़ा बदलाव होने जा रहा है।
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