India News (इंडिया न्यूज),Brij Bhushan: भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष व सांसद बृज भूषण शरण ने खुद पर लगे यौन शोषण के आरोपों पर चलती हुई गाडी में सोशल मीडिया पर फेसबुक एकाउंट से खाप के बुजुर्गों से अपने मन की बात साझा करते हुए अपील की है। इस बनाई हुई वीडियो में बृज भूषण सिंह ने बड़े बुजुर्गों से कहा उनपर इल्ज़ाम लगा रही महिला पहलवानों के पास ना कोई वीडियो है। ना ही ऑडियो है। हमने किसी को नहीं किया कभी फोन, खिलाड़ी आरोप लगा रहे लेकिन वह ना दिन बता रहे ना तारीख बता पा रहे और नाही समय ही बता पा रहे हैं।
खुद पर लगे यौन शोषण के आरोपों पर बड़े बुजुर्गों को चाचा ताऊ राम राम बोल कर एक कविता के जरिए अपनी बात को शुरू किया। अपनी कविता में उन्होंने कहा कि……
“बात ऐसी करो जिसका आधार हो,जिसमे सिद्धांत हो और व्यवहार हो
नारियल की तरह हो कठिन ही भले, लेकिन अंतस में मीठा भरा प्यार हो”
देश के सभी बच्चों को नेशनल, ओपन नेशनल खेलने का मौका देने का मैं कर रहा काम। धरना दे रहे पहलवान नेशनल नही सीधे ओलंपिक खेलना चाहते हैं। धरना दे रहे पहलवानों के ट्रायल के वीडियो देख कर आप अंदाजा लगा सकते हैं कि यह कितने काबिल पहलवान हैं। मैं देश के बाकी जूनियर पहलवानों को आगे लाना चाहता हूं। उनके रास्ते रोकने के लिए षड्यंत्र किया जा रहा है। जांच के बाद मैं आप बुजुर्गों के खाप में पहुंचूंगा। यदि आप मुझे गलत दोषी पाएंतो जूते से मार- मारकर मेरा अंत कर देना। लेकिन एक बार इन धरना दे रहे 5 से 10 खिलाड़ियों के अलावा देश के अपने गांव के ही पहलवान बच्चों से पूछ लेना क्या मैं रावण हूँ। दुराचारी हूँ, वह हकीकत बता देंगे। इस आंदोलन के पीछे का सच बयां भी कर देंगे।
भूपेंद्र हुड्डा व दीपेंद्र हुड्डा पर कुश्ती को बदनाम करने का आरोप लगाए। सैकड़ों व हज़ारों महिला पहलवानों को पहलवान खिलाड़ियों का इस्तेमाल कर उन बहन बेटियों के सामान के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। मुझपर लगे आरोपों की जांच 1 से या आगे के कुछ महीने में हो जाएगी। लेकिन तब आप बुजुर्गों को भी होगा दुःख की जांच में क्या हुआ। मेरी लड़ाई कुश्ती को आगे ले जाने की रही है कुछ लोग उसे अपने फायदे के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं। वीडियो में सांसद ने एक बार फिर कहा कि जांच रिपोर्ट के बाद प्रियंका गांधी को बहुत दुख होगा कि उन्हें हुड्डा ने कहां लाकर फंसा दिया। जांच के बाद मैं आप बुजुर्गों के खाप में पहुंचूंगा। यदि आप मुझे गलत दोषी पाएंतो जूते से मार- मारकर मेरा अंत कर देना। लेकिन एक बार इन धरना दे रहे 5 से 10 खिलाड़ियों के अलावा देश के अपने गांव के ही पहलवान बच्चों से पूछ लेना क्या मैं रावण हूँ। दुराचारी हूँ, वह हकीकत बता देंगे। इस आंदोलन के पीछे का सच बयां भी कर देंगे।