India News(इंडिया न्यूज़),Shani Dev ki Puja vidhi: सनातन धर्म में हर दिन किसी ना किसी भगवान को समर्पित किया जाता है। उसी में से एक दिन शनिवार का भी है, जिस दिन शनिदेव को समर्पित किया जाता है।
धार्मिक गांठों में शनिवार के दिन शनि देव को मनाने और उनके कप प्राप्त करने के लिए साफ मन से पूजा करने के बारे में विस्तार से बताया गया है। ऐसा माना जाता है कि जो मनुष्य मन से शनिदेव की पूजा करता है, उसे अपने जीवन में कई शुभ फल प्राप्त होते हैं। आज हम आपको इस पोस्ट के माध्यम से सांकेतिक रूप से बताएंगे कि शनिवार को किन देवताओं से शनिदेव की पूजा करनी चाहिए।
शनिवार को शनिदेव की पूजा से जुड़े ये नियम
- यदि आप शनिवार के दिन शनिदेव के नाम का व्रत रखना चाहते हैं तो उससे पहले दिन से मांस खाना छोड़ दें।
- शनिवार के दिन सुबह जल्दी उठें, स्नान करें, साफ कपड़े और शनिदेव के सामने पूजा और व्रत का संकल्प लें। इसके बाद पीपल के पेड़ पर जल चढ़ गया और शनिदेव का मानसिक ध्यान करते हुए उनकी सात बार की प्रशंसा की गई। इस दौरान पीपल की लकड़ी में चिपचिपा कपड़ा लपेटना शुभ माना जाता है।
- शनिवार के व्रत के लिए मन, वचन और कर्म की पवित्रता बहुत जरूरी है। इस दिन शनिदेव की कथा सुनने से आपको विशेष लाभ मिलेगा। शनिवार की शाम को शनिदेव की आरती करना बहुत जरूरी है।
- अगर आप शनिदेव को प्रसन्न करना चाहते हैं तो इस दिन शनिदेव की मूर्ति की पूजा करें। शनिवार के दिन शनिदेव को काले तिल, सरसों का तेल, काले वस्त्र आदि से परहेज करें। ये सभी शनिदेव की प्रिय लीलाएं मणियां हैं। शनिवार के दिन कम्बल दान करने से बड़ा लाभ होता है।
जो भी व्यक्ति शनिवार के दिन शनि मंत्र और सूत्र का पाठ करेगा उसे
- शनि पीड़ा से मुक्ति मिल जाएगी। धार्मिक सिद्धांतों के अनुसार शनिवार के दिन संस्थान के पानी में हल्की सी शीशम की लकड़ी स्नान करना बहुत होता है।
- शनिवार के व्रत के दौरान आप फल खा सकते हैं। जो लोग शनिवार का व्रत रखते हैं उन्हें अगले दिन शनिदेव की पूजा करने के बाद ही अपना व्रत तोड़ना चाहिए। पारण के बिना शनिवार का व्रत फलादेश नहीं होता है।
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