India News (इंडिया न्यूज़) Chitrakoot News चित्रकूट : उत्तर प्रदेश के चित्रकूट (Chitrakoot News) में तुलसी (शबरी) जल प्रपात पर पहला ग्लास स्काई वाक ब्रिज बन रहा है। भगवान राम के धनुष और बाण के आकार का ब्रिज बन रहा है। इसे ईको टूरिज्म का मुख्य केंद्र बनाया जायेगा।
इसके लिए सरकार के तरफ से यहां पर राक व हर्बल गार्डन से साथ रेस्टोरेंट और रिसोर्ट भी बनाए जाएंगे। जिससे की पर्यटक यहा आने से दिलचस्पी दिखाए।
फ़िलहाल, अभी तक बनाए गए ढांचे पर पेंटिंग का काम चल रहा है। वही कांच का काम अभी भी बाकी है। उनके मुताबिक यह पुल सितंबर तक बन जाएगा। मारकुंडी रेंज में जिस जल प्रपात पर यह ब्रिज बन रहा है पहले उसे शबरी जल प्रपात के नाम से जानते थे।
यही पर प्रभु श्रीराम ने तप किया था। इसके साथ ही यहीं पर राजापुर में गोस्वामी तुलसीदास का जन्म स्थान भी है। गोस्वामी तुलसीदास का जन्म स्थान होने की वजह से पिछले साल प्रदेश सरकार ने इसका नाम बदलकर तुलसी जल प्रपात किया था।
इस प्रोजेक्ट के कंपनी के जीएम ने जानकारी देते हुए कहा कि ब्रिज धनुष और बाण के आकार में बन रहा है। ब्रिज में खाई की ओर 25 मीटर लंबी बाण बनेगी। जबकि दोनों पिलर के बीच 35 मीटर चौड़ी धनुष बनाये जाएगी। इस पुल की भार क्षमता प्रति वर्ग मीटर में 500 किलोग्राम की होंगी।
बता दे, चित्रकूट ग्लास स्काई वाक ब्रिज (तुलसी जल प्रपात) पर चट्टानों से पानी की तीन धाराएं गिरती हैं। ये लगभग 40 फीट की ऊंचाई पर एक वाइड वाटर बेड में गिरकर जंगल में ख़त्म हो जाता है।
पर्यटक जैसे ही स्काई वाक पुल पर चलेंगे तो उन्हें चट्टानों पर पानी गिरने और नीचे जंगल में जाने का नजारा दिखेगा। इसके अलावा परियोजना स्थल पर ईको टूरिज्म, रेस्टोरेंट के साथ – साथ एड आन के रूप में व्यू शेड्स भी बनाया जायेगा।
इस ब्रिज की डिजाइन को बनाने के लिए अधिकारियों की सात सदस्यीय टीम ने बिहार के राजगीर में स्काई वाक ग्लास ब्रिज का दौरा किया था। वन विभाग के मारकुंडी वन क्षेत्राधिकारी रमेश यादव ने जानकारी देते हुए कहा कि पुल में तपोभूमि की छाप दिखना जरुरी है। इन सब बातो का ध्यान रखते हुए धनुष और बाण का आकर पास हुआ है।
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