India News (इंडिया न्यूज़) CO Ziaul Haq murder case प्रतापगढ़ : सीओ जिया उल हत्याकांड का जिन्न एक बार फिर बोतल से बाहर आ गया है। यूपी के प्रतापगढ़ में मारे गए सीओ जिया उल हक की हत्या मामले में कुंडा विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। जिया उल हक हत्याकांड में कुंडा विधायक रघुराज प्रताप सिंह राजा भैया की भूमिका की जांच सीबीआई करेगी।
सुप्रीम कोर्ट की डबल बेंच ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश को रद्द करते हुए डीएसपी जिया उल हक की हत्या में रघुराज प्रताप सिंह राजा भैया की भूमिका की जांच सीबीआई से करने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट की डबल बेंच के जज अनिरुद्ध बोस और बेला त्रिवेदी ने यह आदेश जारी किया है।
न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस और न्यायमूर्ति बेला माधुर्य त्रिवेदी की इस पीठ ने सीओ की पत्नी परवीन आजाद की ओर से दायर याचिका पर अपना फैसला सुनाया। पिछले साल कोर्ट ने क्लोजर रिपोर्ट को वैध ठहराने वाले इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश को रद्द कर दिया था।
हाई कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी थी। ट्रायल कोर्ट ने राजा भैया और उनके चार सहयोगियों के खिलाफ सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट को खारिज कर दिया था और जांच जारी रखने का आदेश दिया था। 2013 में कुंडा के बलीपुर गांव में प्रधान नन्हे सिंह यादव और उनके भाई की हत्या के बाद हुए बवाल में तत्कालीन सिओ जियाउल की हत्या कर दी गई थी।
मृतक सीओ जिया उल हक की पत्नी की शिकायत पर राजा भैया गुलशन यादव, हरिओम श्रीवास्तव, रोहित सिंह और संजय सिंह समेत पांच लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। तत्कालीन जांच में राजा भैया को क्लीन चिट मिल गई थी, हालांकि, अब सुप्रीम कोर्ट की डबल बेंच के आदेश के बाद मामले में राजा भैया की भूमिका की दोबारा जांच सीबीआई द्वारा की जाएगी।
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