होम / कॉर्बेट पार्क (Corbett Park) में 16 साल बाद शुरू हुई गिद्ध और चीलों की गड़ना, रेप्टर प्रोरामनग के तहत होगा कार्यक्रम

कॉर्बेट पार्क (Corbett Park) में 16 साल बाद शुरू हुई गिद्ध और चीलों की गड़ना, रेप्टर प्रोरामनग के तहत होगा कार्यक्रम

• LAST UPDATED : April 7, 2023

(After 16 years vultures and eagles fell in Corbett Park): कॉर्बेट प्रशासन ने रेपटर प्रजाति (शिकारी पक्षी) के संरक्षण में एक नया प्रोजेक्ट की शुरुआत wwf के साथ मिलकर की है।

  • 16 साल बाद शिकारी पक्षियों की गड़ना करने जा रहा wwf
  • 9 से ज्यादा प्रजाति के शिकारी पक्षी पाए जाते
  • डायरेक्टर ने दी जानकारी

16 साल बाद शिकारी पक्षियों की गड़ना करने जा रहा wwf

जिसमे शिकारी पक्षियों के संरक्षण व इनकी गड़ना का कार्य कॉर्बेट प्रशासन व wwf की संयुक्त टीम द्वारा शुरू कर दिया गया है। इसमे विलुप्त होते शिकारी पक्षियो जैसे गिद्ध,चील,बाज़, फाल्कन आदि शिकारी पक्षियों की गड़ना 16 साल बाद कि जा रही है।

कॉर्बेट प्रशासन 16 साल बाद रेप्टर (शिकारी पक्षियों) की गड़ना करने जा रहा है, जिसमे गिद्ध, चीलों आदि शिकारी पक्षियों की गणना का कार्य शुरू कर दिया गया है। इससे पहले 2007 में गिद्धों और चीलों की गणना की गई थी। उस दौरान कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में गिद्ध और चीलों की संख्या 346 थी।

9 से ज्यादा प्रजाति के शिकारी पक्षी पाए जाते

कॉर्बेट पार्क में 9 से ज्यादा प्रजाति के शिकारी पक्षी पाए जाते है, जिसमे चमर गिद्ध, राज गिद्ध, काला गिद्ध, जटायु गिद्ध, यूरेशियाई गिद्ध, हिमालयी गिद्ध, रगड़ गिद्ध, देशी गिद्ध आदि हैं। रेडिएशन, बढ़ते शहरीकरण और जंगल के क्षेत्र के कम होने जैसे कई कारणों से शिकारी पक्षि जिसमे गिद्धों वगेरा की संख्या में काफी कमी आई है।

वहीं कॉर्बेट पार्क के डायरेक्टर डॉ धीरज पांडे ने बताया कि कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व में रेप्टर प्रजाति के संरक्षण को लेकर एक नए प्रोजेक्ट की शुरुवात हुई है, जिसमे wwf के सहयोग से इस प्रोजेक्ट की शुरुवात की गई है।

डायरेक्टर ने दी जानकारी

डायरेक्टर ने बताया कि आज से शिकारी पक्षियों के घोसलों की रेकी प्रथम सत्र में शुरू की जाएगी, जहां जहां पर शिकारी पक्षी पाए जाते हैं। कॉर्बेट पार्क की विभिन्न रेंजों में उसके बाद उनके संरक्षण के लिए भी आगे का रोडमैप तैयार किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि यह सब कार्य शिकारी पक्षियों के संरक्षण व संवर्धन को लेकर किया जा रहा है। उन्होंने कहा क्योंकि पूरे देश में शिकारी पक्षियों की संख्या में लगातार कमी आ रही है जो अपने आप में चिंता का विषय है।

ALSO READ- बरेली अधिवेशन (Bareilly session) में उमेश गौतम, घनश्याम जी, धर्मेंद्र गुप्ता और अनिल अग्रवाल इंडिया न्यूज़ लाइव

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

ADVERTISEMENT
mail logo

Subscribe to receive the day's headlines from India News straight in your inbox