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Crime News : आखिर शाइस्ता की फरारी में कौन कर रहा सहयोग, कितने है मददगार, जानिए पूरी खबर

• LAST UPDATED : April 26, 2023

INDIA NEWS (इंडिया न्यूज़), प्रयागराज : प्रयागराज में उमेश पाल हत्याकांड के दो माह बीतने के बाद भी एसटीएफ और प्रयागराज पुलिस ने अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन को पकड़ नहीं सकी है।

एसटीएफ ने शाइस्ता का जो ब्योरा एकत्र किया है, उस पर यकीन करें तो उसके गिरोह के सात सदस्यों में से तीन मोहम्मद गुलाम, अरबाज और उस्मान पुलिस एनकाउंटर में मारे जा चुके हैं।

जांच में शाइस्ता की मदद करने वाले सात वकीलों के अलावा उसे संरक्षण और आर्थिक मदद देने वाले 20 करीबियों के नाम सामने आया हैं। शाइस्ता को गिरफ्तार करने के लिए एसटीएफ और प्रयागराज पुलिस दो महीने से मेहनत कर रही है।

शाइस्ता के खिलाफ चार मुकदमे दर्ज

एसटीएफ के मुताबिक अतीक के जेल जाने के बाद शाइस्ता ने कारोबार और गैंग को संभाला था। वह अतीक के जमीन के अवैध कारोबार को संचालित करने के लिए गैंग के सदस्यों द्वारा हत्याएं कराने लगी।

बता दे, अतीक की पत्नी शाइस्ता के खिलाफ चार मुकदमे दर्ज हैं, जिनमें से तीन 2009 में धोखाधड़ी से जुड़े और चौथा केस उमेश पाल हत्याकांड का दर्ज है।

शाइस्ता का भाई भी जेल में बंद

पिता हारून प्रदेश पुलिस में मुख्य आरक्षी थे। शाइस्ता के दो भाइयों है। जिसके पहला जकी अहमद लखनऊ जेल में बंद है, जबकि दूसरा सबी मदरसे में शिक्षक है।

शाइस्ता के गिरोह में गुलाम, गुड्डू अरबाज, मुस्लिम, साबिर, अरमान, उस्मान और सदाकत शामिल हैं। इनमें से तीन गुलाम, उस्मान और अरबाज ढेर हो चुके हैं जबकि साबिर और गुड्डू मुस्लिम अभी भी फरार हैं। फिलहाल, अभी तक पुलिस इन सब को खोजने में असफल रही है।

वाराणसी में उप निरीक्षक के पद पर तैनात हैं शाइस्ता का करीबी परिजन

शाइस्ता का करीबी परिजन मोहम्मद अहमद उर्फ मुन्ने वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट में उप निरीक्षक के पद पर तैनात है। मिली जानकारी के अनुसार प्रयागराज निवासी अहमद की लखनऊ में तैनाती के दौरान शाइस्ता अक्सर उसके घर पर मिलने आती जाती रहती थी।

पश्चिम बंगाल में होने की भी आशंका

अतीक की पत्नी शाइस्ता के पश्चिम बंगाल में भी होने की आशंका है। दरअसल, शाइस्ता के छिपने के ठिकानों में मेरठ, दिल्ली, मुंबई, कौशांबी, ग्रेटर नोएडा और पश्चिम बंगाल शामिल हैं।

हालांकि सूत्रों के अनुसार वह प्रयागराज में ही छिपी है। लेकिन अभी तक कोई सुराग नहीं मिला है। पुलिस ये पता लगा रही है कि शाइस्ता से संपर्क में कही फरार शूटर गुड्डू मुस्लिम और साबिर तो नहीं है।

एआईएमआईएम में भी थी शाइस्ता

शाइस्ता ने पहले सपा से सियासी सफर शुरू की लेकिन सपा से अतीक की दूरियां बढ़ने के बाद शाइस्ता ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) पार्टी से जुडी लेकिन वहा भी नहीं रुकी और हाल ही में उसे बसपा से प्रयागराज का मेयर प्रत्याशी बनाया गया था।

कौन है शाइस्ता के मददगार

प्रयागराज का सुधांशु त्रिपाठी उर्फ बल्ली पंडित, मोहम्मद नफीस, मोहम्मद राशिद उर्फ नीलू, आवेज अहमद, अशरफ का साला सद्दाम, कासिम, संरक्षण देने वालों में मेरठ निवासी ननद आयशा नूरी, मोहम्मद अनस, आसिफ उर्फ मल्ली, इरशाद उर्फ सोनू, अरशद, सुल्तान अली, बांदा का जफर अहमद खां, डॉ. शैला, असाद, नूर, मोहम्मद मुस्लिम, आर्थिक मददगारों में मोहम्मद मुस्लिम, असलम मंत्री व खालिद जफर शामिल हैं।

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